ब्रेकिंग - वेतन विसंगति के मुद्दे पर मोर्चा आर पार लड़ाई हेतु तैयार , 25 सितम्बर से अनिश्चित कालीन आंदोलन की आगाज Vetan Visangati Ke Mudde Par Morcha Karega Anishchit Kalin Andolan
a2zkhabri.com रायपुर - वेतन विसंगति का दंश झेल रहे प्रदेश के 1 लाख से भी अधिक सहायक शिक्षकों का आक्रोश अब चरम पर पहुँच गया है। शिक्षक संगठन ने आरोप लगाया है कि जिन वादों के सहारे प्रदेश सरकार सत्ता के शिखर पर पहुंचा है। सत्ता पर काबिज होते ही सहायक शिक्षकों के जायज मांगों को टाल मटोल करने लगा है। सरकार के उक्त रवैये से नाराज प्रदेश भर के सहायक शिक्षक सहायक शिक्षक संघर्ष मोर्चा के बैनर तले अनिश्चित कालीन आंदोलन में जाने का निर्णय लिया है।
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10 सितम्बर तक मांग पूरा नहीं होने पर 25 से मांग पूरा होने तक आंदोलन - सहायक शिक्षक संघर्ष मोर्चा ने सरकार को चेतावनी देते हुए ऐलान किया है कि यदि सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को 10 सितम्बर तक पूरा नहीं किया जाता तो प्रदेश भर के स्कूलों में तालाबंदी करके 25 सितम्बर से अनिश्चित कालीन आंदोलन में जाने बाध्य होंगे। साथ पदाधिकारियों ने यह भी ऐलान किया की उक्त आंदोलन जब तक मांग पूरा नहीं हो जाता तब तक जारी रखने की बात कही। ज्ञात प्रदेश लाख से भी अधिक सहायक शिक्षक है जो 2013 से वेतन विसंगति की मार झेल रहे है।
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सहायक शिक्षकों को 10 से 12 हजार प्रतिमाह नुकसान - सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति सहित क्रमोन्नति का लाभ नहीं मिलने के कारण प्रतिमाह 10 से 12 हजार रूपये का प्रतिमाह नुकसान हो रहा है। सहायक शिक्षक 22 - 23 सालों से एक ही पद पर कार्यरत है, सभी योग्यता एवं अर्हता होने बावजूद सरकार उन्हें क्रमोन्नति , पदोन्नति से वंचित रखा है। व्याख्याता एवं शिक्षक के वेतन में मात्र 1000 - 2000 का अंतर है वही सहायक शिक्षक एवं शिक्षक के वेतन में 10 हजार से 12 हजार का अंतर है। यही अंतर को वेतन विसंगति कहा जाता है। यह विसंगति सन 2013 से अब तक जारी है।
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सरकार ने वेतन विसंगति दूर करने का किया था वादा - सरकार ने सत्ता में आने से पहले सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने की बात कही थी। तथा चुनाव से पहले अपने घोषणा सह संकल्प पत्र में इस बात का उल्लेख किया है। यही काऱण है कि चुनाव के समय कांग्रेस सरकार के पक्ष में एकतरफा माहौल बना और रिकार्ड तोड़ जीत मिली। लेकिन सत्ता में आते ही भूपेश सरकार ने सहायक शिक्षकों के मुद्दे को ही भुला दिया। जबकि उन्होंने संविलियन के बाद सहायक शिक्षकों के साथ धोका कहकर समाचार पत्रों में सुर्खियां बटोरी थी। और हमारा सरकार आएगा तो तत्काल निराकण का भरोसा दिलाया था।
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