शिक्षकों की प्रमुख मांग क्रमोन्नति को 4 माह में निराकरण करने हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश CG School Shiksha Vibhag Kramonnati News 2021
CG School Shiksha Vibhag News 2021 बिलासपुर - हाईकोर्ट ने 22 साल से पदोन्नति और क्रमोन्नति वेतनमान से वंचित शिक्षकों के प्रकरणों को चार माह में निराकरण करने का आदेश बिलासपुर हाईकोर्ट ने शासन को दिया है।
कबीरधाम जिले के कवर्धा विकासखंड के विभिन्न गाओं में रहने वाले राजकुमार कुर्रे, रामबिलास पोर्ते , राजेंद्र कुमार दिवाकर एवं ज्योतिष कुमार दिवाकर ने अपने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के जरिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इसमें बताया गया कि सभी याचिकाकर्ता शिक्षक के पद पर वर्ष 1998 से 22 वर्षों से भी अधिक समय से लगातार कार्यरत है।
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शासन के प्राविधान के अनुसार किसी भी शासकीय कर्मचारी को लगातार 10 साल तक सेवाएं देने के बाद पदोन्नत किया जाना है। इसके साथ ही उन्हें पुनरीक्षित क्रमोन्नत वेतनमान देने का प्रावधान भी तय किया गया है। इस तरह से प्रावधान के मुताबिक़ याचिकाकर्ता शिक्षकों को भी 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर क्रमोन्नत वेतनमान मिलना चाहिए। शिक्षकों को शिक्षा विभाग में 1 जुलाई 2018 में संविलियन किया गया है।
वैधानिक रूप से उनके पंचायत विभाग की सेवा की गणना कर क्रमोन्नत वेतनमान निर्धारण कर लाभ दिया जाना चाहिए। लेकिन याचिकाकर्ता शिक्षकों को प्रमोशन के साथ ही उक्त वेतनमान से भी वंचित रखा गया है। याचिका में शासन के प्राविधान के अनुसार याचिकाकर्ताओं को उनके अधिकार के तौर पर पदोन्नति के साथ ही क्रमोन्नत वेतनमान का लाभ दिलाने की मांग की गई है।
इस मामले की सुनवाई करते हुए पूर्व में हाईकोर्ट ने राज्य शासन के साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायत के के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
सभी पक्षों की सुनवाई के बाद जस्टिस पी सैम कोशी ने याचिकाकर्ताओं के क्रमोन्नत वेतनमान और पदोन्नति सम्बन्धी अभ्यावेदन का जिला शिक्षा अधिकारी व जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को चार माह में निराकरण करने का आदेश दिया है।
ज्ञात हो कि शिक्षक पिछले कई वर्षो से अपनी जायज मांगों के लिए आंदोलनरत है। और समय - समय पर शासन प्रशासन को अवगत कराते आ रहे है। और कई शिक्षक अपने हक के लिए कोर्ट में भी याचिका दायर कर रहे है। यह तो आने वाले समय में ही ज्ञात हो पायेगा की उक्त मांगों के सन्दर्भ में क्या निर्णय आता है।
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