a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी ने पूर्ण बहुमत से सरकार बना रही है। भारतीय जनता पार्टी पिछले विधानसभा चुनाव में महज 15 सीट में सिमट गई थी लेकिन 2023 के विधानसभा चुनाव में जोरदार वापसी करते हुए 54 सीटों पर जीत हासिल कर रही है। वहीँ कांग्रेस पार्टी 2018 के विधानसभा चुनाव में 68 सीटों में एकतरफा जीत हासिल करते हुए भाजपा सरकार को पटखनी दी थी ,वहीँ इस बार 2023 के विधानसभा चुनाव में मात्र 34 सीटों पर सिमट गई है।
कर्मचारियों की नाराजगी ,, ले डूबी भूपेश सरकार को - विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम आते ही सोशल मिडिया में तरह - तरह की चर्चाएं चल रही है। कांग्रेस पार्टी के हार का एक प्रमुख कारण कर्मचारियों की नाराजगी को भी देखा जा रहा है। प्रदेश के लगभग 5 लाख शासकीय कर्मचारी अधिकारी सहित संविदा , अनियमित एवं दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी खासे नाराज थे। राज्य के कर्मचारियों को बड़ी मांग तो दूर महंगाई भत्ता के लिए भी आंदोलन करना पड़ता था। पिछले 5 वर्षों में राज्य के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता के लाखों एरियस को भुगतान नहीं की गई। जिस कारण प्रत्येक कर्मचारियों को लाखों रूपये की आर्थिक हानि हुई थी।
कर्मचारियों को नियमित करने का वादा भी नहीं हुआ पूरा - कांग्रेस सरकार जिन वादों के बदौलत 15 वर्ष के बाद सत्ता में लौटी थी उनमे से एक प्रमुख वादा अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने का था लेकिन इन कर्मचारियों को भी नियमित नहीं की गई। वहीँ शासकीय कर्मचारियों को कमिटी - कमिटी के नाम पर घुमाते रहे जिस कारण से उक्त चुनाव परिणाम कहीं न कहीं कर्मचारियों के कारण काफी प्रभावित हुई है।
कांग्रेस पार्टी के हार के और भी कई कारण हो सकते है जैसे -
नई भर्ती में स्टायपेंड वेतन लागू।
राज्य के कर्मचारियों के एरियस को दबाना।
ओपीएस का प्रथम नियुक्ति तिथि से तिथि लागू न करना।
आत्मानंद स्कूल में संविदा भर्ती एवं शिक्षक की कमी।
प्रदेश के कर्मचारियों का प्रमोशन एवं ट्रांसफर के नाम पर परेशान होना।
सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति दूर न होना।
कर्मचारियों के आंदोलन पर एस्मा लगाना और दबाव पूर्वक आंदोलन को कुचलना।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता , सफाई कर्मचारी , रसोइया आदि के वेतन वृद्धि।
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