प्रधान मंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत अब बच्चों को मिलेट्स भी ,, राज्य के प्रस्ताव को केंद्र की मंजूरी Now millets to children under Pradhan Mantri Poshan Shakti Yojana, Center approves state proposal
a2zkhabri.com रायपुर - मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के मध्यान्ह भोजन योजना में मिलेटस को शामिल करने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है। अब प्रधानमंत्री पोषण शक्ति योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 12 जिलों में सोया चिक्की के स्थान पर सप्ताह में चार दिन स्कूली बच्चों को मिलेटस से निर्मित खाद्य पदार्थ दी जाएगी। इसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को दो फरवरी को पत्र लिखा था।
छत्तीसगढ़ सरकार के मंशानुरूप लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा केंद्र सरकार को इस योजना को आंशिक रूप से संशोधित करते हुए सोया चिक्की के स्थान पर मिलेटस से बने खाद्य पदार्थ वितरित किए जाने का प्रस्ताव भेजा गया था। इस प्रस्ताव को केंद्र सरकार के डायरेक्टर पीएम पोषण द्वारा मंजूरी दे दी गई है। अब बच्चों भोजन मीनू में भी आंशिक संसोधन होगा और सोया चिक्की के बजाय बच्चों को सप्ताह में चार दिन मिलेटस से निर्मित खाद्य पदार्थ दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि राज्य में मिलेट्स के उत्पादन के लिए किसानों को भरपूर प्रोत्साहन दिया जा रहा है। कोदो , कुटकी , रागी जैसे मिलेट का समर्थन मूल्य पर उपार्जन किया जा रहा है। इसके आलावा मिलेट मिशन के अंतर्गत राज्य के मिलेट उत्पादक किसानों को 9 हजार रूपये की इनपुट सब्सिडी दी जा रही है।
छत्तोसगढ़ में मिलेटस को प्रोत्साहन -
1. छत्तीसगढ़ समर्थन मूल्य पर कोदो , कुटकी और रागी को खरीदने वाला पहला राज्य।
2. मिलेटस उत्पादक किसानों को प्रति एकड़ 9 हजार रूपये सहायता राशि दी जा रही है।
3. पिछले वर्ष राज्य में 55 हजार क्विंटल मिलेट्स की खरीदी की गई।
4. कोदो , कुटकी एवं रागी का बाजार मूल्य 12 - 15 रूपये से बढ़कर 25 - 28 रु. हो गई है।
5. मिलेट्स प्रसंस्करण के मामले में छत्तीसगढ़ कई राज्यों से आगे निकला।
गुणों और पोषक तत्व की खान है मिलेट्स - मिलेटस डायबिटीस और हार्ट पेशेंट के लिए बहुत फायदेमंद है। प्रसिद्ध सेफ विकास चावला का कहना है कि भारतीय ग्रंथो 8 हजार साल पहले से भोजन में मिलेट्स का उपयोग होने का मिलता है। कुछ वर्षों से हम मिलेटस के जगह दूसरे अनाजों का करने लगे। फिर से हम मिलेटस को दैनिक आहार में शामिल करने से हम न सिर्फ बिमारियों से दूर रहेंगे बल्कि अच्छा स्वास्थ्य भी पा सकेंगे।
चावल और गेंहूं में कार्बोहाइड्रेट्स काफी अधिक होता है। पुराने समय में लोग शारीरिक श्रम करके कार्बोहाइड्रेट्स पचा लेते थे , लेकिन वर्तमान समय में लोग बैठकर ही अधिक कार्य करते है। जिस कारण से कार्बोहायड्रेट पचा नहीं पाते। यही कारण है कि लोगों में अब मोटापा बढ़ रही है। जिस कारण से लोग चावल , गेहूं के बजाय मिलेट्स की और अब ध्यान दे रहे है।
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