स्कूलों में फिर तालाबंदी , वेतन विसंगति सहित अन्य केमुद्दों पर एक बार फिर शिक्षक हड़ताल पर Teachers on strike once again on issues including lockout in schools, salary discrepancy and others.
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में एक बार फिर स्कूलों में तालाबंदी की स्थिति निर्मित होने वाली है। प्रदेश के लाखों शिक्षक वेतन विसंगति सहित अन्य मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक / समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले 06 फरवरी से अनिश्चित कालीन आंदोलन में जा रहे है। सहायक शिक्षकों के मांगों को लेकर पिछले बार भी जोरदार आंदोलन हुआ था, हालाँकि वेतन विसंगति की मांग पूरा नहीं हुआ।
कर्मचारियों के कई मांगों लेकर राज्य में कई कमिटी भी बनाई गई है , लेकिन किसी भी कमिटी की रिपोर्ट जारी नहीं हुई है। वहीँ सहायक शिक्षकों के मांगों को लेकर बनाई गई कमिटी को 03 माह में रिपोर्ट देना था। लेकिन कमिटी द्वारा 18 माह बीत जाने के बाद भी रिपोर्ट जारी नहीं की गई है।
06 फरवरी से ब्लाक स्तरीय धरना प्रदर्शन शुरू - प्रदेश के लाखों शिक्षक 06 फरवरी से वेतन विसंगति के मुद्दे पर ब्लाक स्तरीय धरना प्रदर्शन से शुरुआत करेंगे। वहीँ जल्द मांग पूरा नहीं होने पर आंदोलन राजधानी रायपुर भी शिप्ट हो सकती है। छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक / समग्र शिक्षक फेडरेशन के बैनर तले हो रहे आंदोलन की विधिवत सूचना विभागीय अधिकारियों को एवं मंत्रालय में सूचना दे दी गई है। आगामी 6 फरवरी से होने वाले आंदोलन से एक बार फिर स्कूलों में तालाबंदी होने जा रही है।
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लम्बे समय से वेतन विसंगति की मार झेल रहे सहायक शिक्षक - संघ के प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने बताया कि प्रदेश के सहायक शिक्षक पिछले 10 वर्षों से वेतन विसंगति की मांर झेल रहे है। सत्ता परिवर्तन के बाद भी राज्य में सहायक शिक्षकों की दयनीय स्थिति बनी हुई है। वहीँ पिछले विधान सभा चुनाव में माननीय मुख्यमंत्री ने सहायक शिक्षकों के वेतन विसंगति को दूर करने का वादा किये थे।
राज्य में सरकार बने चार वर्ष से अधिक समय बीत जाने के बाद भी सहायक शिक्षकों के मांग पर कोई फैसला नहीं आया है। मांग पूरा नहीं होने से प्रदेश के लाखों सहायक शिक्षक एवं शिक्षक संवर्ग बेहद आक्रोशित है , बार - बार निवेदन , ज्ञापन देने के बाद भी मांग पूरा नहीं होने पर 06 फरवरी से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जा रहे है। शिक्षकों के आंदोलन में जाने से स्कूलों में पढ़ाई एक बार फिर चौपट हो जाएगी। राज्य सरकार को भी सहायक शिक्षकों के मांगों पर तत्काल संज्ञान लेते हुए निर्णय लेने चाहिए ताकी बच्चों के पढ़ाई का नुकसान न हो।
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