डिजिटल सिग्नेचर लेने पहुंचे कर्मियों को खदेड़ा , सभी स्कूलों को 3 - 3 हजार रूपये लाने बीईओ ने किया था मैसेज The personnel who came to take digital signature were chased away, BEO had sent a message to all the schools to bring 3-3 thousand rupees

 a2zkhabri.com न्यूज़ - प्रदेशभर में शासकीय स्कूलों में बैंक खाता संचालित करने के लिए डिजिटल सिग्नेचर के नाम पर 3 - 3 हजार रूपये की अवैध वसूली की शिकायत लगातार मिल रही है। आरंग में भी डिजिटल सिग्नेचर के लिए स्कूलों से 3000 - 3000 रूपये मंगवाए  है। जिसके लिए आरंग विकास खंड शिक्षा अधिकारी एनपी कुर्रे ने बकायदा व्हाट्सप्प ग्रुप के माध्यम से शिक्षकों को सूचित भी किया और सभी स्कूलों से 3 - 3 हजार रूपये लाने कहा। डिजिटल सिग्नेचर बनाने हेतु नियुक्त कंपनी महानदी रिसोर्सेस रायपुर के कर्मचारी जब पहुंचे तो शिक्षकों ने इसका विरोध किया जिस कारण कंपनी के कर्मचारी भाग खड़े हुए। 

बीईओ ने किया मैसेज ,, 3000 रु. लेकर आएं - आरंग में डिजिटल सिग्नेचर के लिए विकास खंड शिक्षा अधिकारी आरंग के द्वारा ब्लाक के लगभग 380 स्कूल प्रमुखों को मैसेज किया था कि डिजिटल सिग्नेचर अपलोड हेतु 3000 रु. लेकर आए। इस मामले में बीईओ दफ्तर भी संदेह के दायरे में है। शिक्षकों का कहना है कि बिना लिखित आदेश के 3000 रु. की वसूली बिलकुल गलत है। यदि डिजिटल सिग्नेचर के अपलोड का खर्च यदि 3000 रु. है तो पुरे राज्य के लिए राज्य स्तर से लिखित में आदेश जारी किया जाए। वहीँ इस सन्दर्भ में शिक्षक संगठन  बीईओ को ज्ञापन भी सौंपा है। 

बिलासपुर , महासमुंद में रोकी गई वसूली - वैसे तो पुरे प्रदेश में डिजिटल सिग्नेचर अपलोड करने का कार्य चलने की जानकारी मिल रही है। और सभी जगह से 3 - 3 हजार रुपये वसूलने की भी जानकारी मिल रही है। शिकायत के बाद बिलासपुर एवं महासमुंद जिले में वसूली को बंद कर दी गई है। वहीँ इस सन्दर्भ में जाँच के आदेश भी दिए गए है। डिजिटल सिग्नेचर के नाम पर इस तरह से अधिकारीयों के द्वारा स्कूलों से अवैध रूप से बगैर आदेश के राशि वसूलने का कार्य बिलकुल अवैध है। जिम्मेदार अधिकारीयों  सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। इस सन्दर्भ में मंत्री ने भी  जाँच के आदेश दिए है। 

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सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों का कमाल , डिजिटल सिग्नेचर के नाम पर स्कूलों से 3 - 3 हजार की वसूली Amazing of officers of Sarva Shiksha Abhiyan, recovery of 3-3 thousand from schools in the name of digital signature

a2zkhabri.com बिलासपुर - सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारियों के द्वारा स्कूलों से डिजिटल सिग्नेचर अपलोड के नाम पर सभी स्कूलों से तीन - तीन हजार रूपये की वसूली किया जा रहा है। जबकि इस सन्दर्भ में कोई लिखित आदेश भी नहीं है। कमाल की बात तो यह है कि इस वसूली के बारे में डीएमसी को पता भी नहीं है। सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी मिलीभगत कर रायपुर के एक निजी फार्म के जरिए सरकारी स्कूलों से वसूली कर रहे है। इस सन्दर्भ में विभाग से कोई लिखित आदेश भी जारी नहीं किए गए। 

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प्रधान पाठक से नगद 3 - 3 हजार की वसूली - मिली जानकारी के अनुसार प्रधान पाठक अधिकारियों के दबाव में डिजिटल सिग्नेचर अपलोड के नाम पर निजी फर्म को 3 - 3 हजार रूपये का भुगतान नगद कर रहे है। साथ ही उक्त कार्य पुरे प्रदेश में होने की जानकारी प्राप्त हो रही है। राज्य सरकार द्वारा सभी स्कूलों को दर्ज संख्या के आधार पर प्रतिवर्ष शाला अनुदान , मरम्मद अनुदान की राशि उपलब्ध कराई जाती है। सभी स्कूलों के बैंक खाते में डायरेक्ट राशि ट्रांसफर की जाती है। 

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पुराने खाते को बंद कर बैंक ऑफ बड़ोदा में खोला गया नया खाता - पिछले वर्ष ही सभी स्कूलों के खाते को बैंक ऑफ बड़ौदा में खुलवाया गया है। पिछले कई वर्षों से अन्य बैंकों में संचालित खाते को पीएफएमएस के नाम पर बंद करवाया गया था। अब पीएफएमएस खाते पर राशि आहरण हेतु डिजिटल सिग्नेचर अनिवार्य कर दी गई है। यही कारण है कि प्रत्येक स्कूल से सचिव और कोषाध्यक्ष के दो डिजिटल सिग्नेचर अपलोड करवाया जा रहा है , जिसके एवज में निजी फर्म को 1500 - 1500 के दर से 3000 रु का भुगतान किया जा रहा है। 

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800 से अधिक स्कूलों में अब तक कर ली गई वसूली - जिले के सरकारी स्कूलों से डिजिटल हस्ताक्षर के नाम पर वसूली 22 दिसंबर से चल रही है। इसके लिए जिले के सभी विकास खण्डों में शिविर लगाया गया था। रायपुर के निजी कंपनी संघई इंटरप्राइजेस ने करीब जिले के 800 से अधिक स्कूलों का डिजिटल सिग्नेचर अपलोड कर 3000 - 3000 रु. वसूले है। वहीँ जिले के कई ब्लाकों में अभी भी संकुलवार शिविर चल रही है। 

बीआरसी और सीएससी प्रधान पाठकों पर बना रहे दबाव - सूत्रों का कहना है कि सर्व शिक्षा अभियान के ब्लाक समन्वयक और संकुल समन्वयक मिलकर सरकारी स्कूलों के प्रधान पाठकों के ऊपर लगातार दबाव बना रहे है। इसमें उनको आधार कार्ड , पैन कार्ड , मोबाईल नंबर , ईमेल आईडी और सचिव / कोषाध्यक्ष के सील के साथ शिविर में उपस्थित होने व्हाट्सप्प पर लगातार मैसेज किए जा रहे है। साथ ही उक्त कार्य को तत्काल कराने प्रधान पाठक पर दबाव के साथ - साथ कार्यवाही की धमकी भी दी जा रही है। 

आदेश नहीं ,, जाँच कराएँगे - स्कूलों से डिजिटल सिग्नेचर के नाम पर  स्कूलों से तीन - तीन हजार रूपये की वसूली का कोई आदेश नहीं है। इस तरह से इस प्रकार का वसूली करना पूरी तरह से गलत है। इसको तत्काल रोका जाएगा। वहीँ वसूली की जाँच कराई जाएगी। अनुपमा राजवाड़े जिला समन्वयक , सर्व शिक्षा अभियान 

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