प्रधान पाठक पदोन्नति सूचि विवाद में ,, कलेक्टर ने लगाई रोक , पोस्टिंग में डीपीआई के नियमों की उडी धज्जियां Here too, in the promotion dispute, the collector imposed a ban in the amendment list, flouting the rules of DPI in posting

पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में विवाद ,, कलेक्टर ने शिक्षक संगठन के शिकायत के बाद संसोधन सूचि में लगाई रोक , पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में डीपीआई के नियमों की उड़ाई धज्जियाँ Dispute in posting after promotion, Collector banned amendment list after complaint of teacher organization, flouting DPI rules in posting after promotion

a2zkhabri.com न्यूज़ - प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत जारी पदोन्नति में लगातार कई विवाद सामने आ रहे है। अब नया मामला मुंगेली जिला से आया है , जहाँ पदोन्नति के बाद पोस्टिंग में जोरदार घपला करते हुए डीपीआई के नियमों की धज्जियाँ उड़ाई गई है। डीपीआई के निर्देशानुसार पद रिक्त होने पर सम्बंधित शिक्षक को उसी स्कूल में पोस्टिंग दी जानी थी। लेकिन अपने चहेते शिक्षकों को मनचाहा जगह पर पोस्टिंग दे दी गई है। कई शिक्षकों को स्कूल में पद रिक्त होने के बाद भी 40 - 50 किलोमीटर दूर पोस्टिंग कर दी गई है। 

01 नवम्बर 2022 की स्थिति में मांगी गई शिक्षकों की जानकारी ,, आगे इसी सूचि के आधार पर होगी पदोन्नति। 

कलेक्टर ने संसोधन सूचि में लगाई रोक - ज्ञात हो कि मुंगेली जिले में पिछले माह 10 अक्टूबर 2022 को प्राथमिक प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति सूचि व्यक्तिगत जारी की गई थी। वहीँ बहुत से शिक्षकों को उसी स्कूल में रिक्त पद होने के बाद भी अन्यत्र पोस्टिंग दी गई थी। यही कारण है कि 542 शिक्षकों में से 300 के लगभग प्रधान पाठकों ने संसोधन हेतु आवेदन किया था। बीते दिनों 51 प्राथमिक प्रधान पाठकों की संसोधित सूचि जारी की गई है। संसोधित सूचि में नियमानुसार कार्यवाही नहीं करते हुए पुनः चहेते शिक्षकों को मनपसंद स्कूल में पोस्टिंग दे दी गई है। वहीँ कुछ शिक्षक को नियम विरुद्ध दूर पोस्टिंग दी गई थी उन्हें संसोधित नहीं किया गया। विवाद के बाद संसोधित सूचि में कलेक्टर ने रोक लगा दी है। 

डीपीआई के निर्देशों की उड़ाई धज्जियाँ - जिले के अंतर्गत पदोन्नति प्रक्रिया में डीपीआई के निर्देशों की धज्जियाँ उड़ाई गई। सबसे पहले काउंसलिंग से पोस्टिंग देने के बजाय व्यक्तिगत पदोन्नति आदेश जारी किए गए। वहीँ डीपीआई एवं संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग बिलासपुर द्वारा निर्देश दी गई थी की सम्बंधित शिक्षक को पद रिक्त होने पर उसी स्कूल में पोस्टिंग दी जाए , पद रिक्त नहीं होने पर संकुल में ही अथवा नजदीकी शाला में पदोन्नति दी जाए।  लेकिन नियमों को ताक पर रखकर पदोन्नति प्रक्रिया पूरा किया गया। वहीँ मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग के नाम पर लेनदेन की भी खबर सामने आई थी। 

तीन सौ से अधिक प्रधान पाठकों ने संसोधन के लिए लगाया था आवेदन - मुंगेली जिले में 542 सहायक शिक्षकों की पदोन्नति कर प्राथमिक प्रधान पाठक बनाया गया। जिसमे से 300 से भी अधिक प्रधान पाठकों ने संसोधन हेतु आवेदन जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा किए थे। पदोन्नति में मनमानी एवं चहेतों शिक्षकों को फायदा पहुँचाया गया। जिस कारण इतने संख्या में संसोधन हेतु आवेदन किया गया था। पिछले दिनों ही 51 प्रधान पाठकों की संसोधित सूचि जारी की गई। उक्त सूचि के सन्दर्भ में शिक्षक संगठन ने जानकारी मांगी तो जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जवाब नहीं मिला। संगठन ने कलेक्टर से शिकायत किया जिसके बाद कलेक्टर ने उस सूचि पर रोक लगा दी है।  

ब्लाक अध्यक्ष सहायक शिक्षक फेडरशन ने कहा कि - जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा 542 प्रधान पाठकों के पोस्टिंग में अनियमितता की गई और संसोधन का आदेश देने के बाद भी पात्र प्रधान पाठकों का संसोधन नहीं हुआ। वहीँ चहेतों शिक्षकों मनचाहा जगह  पोस्टिंग देकर भ्रष्टाचार की गई साथ ही लोक शिक्षण संचालनालय के आदेशों की भी अवहेलना की गई। यहाँ तक की स्कूल में पद रिक्त होते हुए शिक्षकों को 50 किलोमीटर दूर पोस्टिंग दी गई। इस तरह से जिले में कई मामले है। संगठन के मांग पर फिलहाल कलेक्टर महोदय ने सूचि पर रोक लगा दी है। यदि नियमों के विरद्ध पदोन्नति दी गई तो संगठन कोर्ट भी जाएगा।  

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