हड़तालियों का वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश , कोर्ट से लेकर स्कूल तक सभी जगह ठप Order to cut wages of strikers and break in service, from court to school, stalled everywhere

हड़ताल पर सख्ती शुरू , सामान्य प्रशासन विभाग का ब्रेक इन सर्विस के तहत कार्यवाही हेतु आदेश Strictness started on strike, order for action under break in service of General Administration Department.

a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ में अधिकारी कर्मचारी की हड़ताल पर राज्य सरकार ने सख्ती दिखाते हुए वेतन काटने और ब्रेक इन सर्विस का आदेश जारी कर दिया है। इसमें कहा गया है कि बिना पूर्व स्वीकृति के सामूहिक अवकाश पर जाने की दशा में अथवा हड़ताल का वेतन इत्यादि देय नहीं होगी न ही ऐसे अनुपस्थिति के दिनों की अवकाश में स्वीकृति होगी। ऐसे अवधि का कोई वेतन इत्यादि कोई देय नहीं होगा और इस अवधि को ब्रेक इन सर्विस माना जाएगा। 

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रमुख सचिव से वार्ता विफल - सोमवार को दोपहर तीन बजे कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रमुख सचिव से करीब आधा घंटा चर्चा हुई। चर्चा के बाद प्रतिनिधि मंडल ने चर्चा को सकारात्मक बताया हालाँकि मिडिया में खबर है की उक्त वार्ता विफल हो गई। आंदोलन के आठवें दिन भी प्रदेश के लाखों कर्मचारी हड़ताल में डटे हुए है। सामान्य प्रशासन विभाग ने समस्त विभागाध्यक्ष और कलेक्टरों को निर्देश जारी कर कहा है कि ऐसे कर्मचारी जो 25 जुलाई से 29 जुलाई तक सामूहिक हड़ताल पर थे , लेकिन वर्तमान में हड़ताल में नहीं है उनकी हड़ताल अवधि को अवकाश मानते हुए हड़ताल अवधि का वेतन भुगतान किया जाए। 

जाने क्या है ब्रेक इन सर्विस - छत्तीसगढ़ सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 10 अप्रैल 2006 को जारी परिपत्र के अनुसार कार्यवाही की जाएगी। उक्त परिपत्र के अनुसार बगैर अनुमति के सामूहिक अवकाश में जाने वाले कर्मचारियों के सर्विस को ब्रेक इन सर्विस मानते हुए उक्त अवधि का वेतन भुगतान रोकने और उक्त अवधि को अवकाश में नहीं बदलने का जिक्र है साथ ही नियमानुसार विभागीय कार्यवाही भी किये जाने का जिक्र है। 

देखें 2006 का आदेश - 


कोर्ट से स्कूल तक ठप - प्रदेश के चार लाख से भी अधिक कर्मचारियों के हड़ताल में चले जाने से कोर्ट से लेकर स्कूलों की पढ़ाई और शासकीय कार्यालयों , दफ्तरों के कामकाज ठप पद गए है। कर्मचारी अधिकारी दो सूत्रीय मांग लंबित महंगाई भत्ता और सातवे वेतनमान के अनुसार गृहभाड़ा की गणना के मांग को लेकर हड़ताल पर है। 22 अगस्त से जारी आंदोलन में राज्य के सभी जिला व ब्लाक , तहसील मुख्यालय में करीब चार लाख कर्मचारी अधिकारी हड़ताल पर है। साथ ही न्यायिक सेवा के कर्मचारी तथा प्रदेश के तहसीलदार , नायब तहसीलदार के हड़ताल में चले जाने से जिला न्यायलय और राजस्व न्यायलय के  सभी कार्य आगामी तिथि तक लंबित है। 

इन कर्मचारियों को मिलेगी राहत - सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा कहा गया है कि विभिन्न कर्मचारी संगठनों के आह्वान पर जो कर्मचारी विगत 25 जुलाई से 29 जुलाई 2022 तक अवधि में हड़ताल पर रहे एवं वर्तमान में हड़ताल में नहीं शामिल नहीं है , उनकी इस हड़ताल अवधि को अवकाश स्वीकृत करते हुए वेतन भुगतान किया जाए। जो कर्मचारी 25 जुलाई से 29 जुलाई और 22 अगस्त से जारी अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल है उनकी अनुपस्थिति के सम्बन्ध में 10 अप्रैल 2006  को जारी सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश अनुसार कार्यवाही की जाए। 

कर्मचारियों में आक्रोश ,, दमन किया तो और लड़ेंगे - सामान्य प्रशासन विभाग के द्वारा जारी आदेश के बाद प्रदेश के आंदोलनरत  कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। सभी कर्मचारी अधिकारी एकता का परिचय देते हुए दमन करोगे तो और लड़ेंगे के नारा को बुलंद करते हुए अपने मांगो से पीछे नहीं हटने की बात कर रहे है। वही कल मंत्रालय में चीफ सेक्रेटरी से चर्चा उपरांत बात बनते हुए दिखाई दे रही थी लेकिन देर शाम सामान्य प्रशासन विभाग के आदेश ने चौका दिया। चर्चा सकारात्मक होने की जानकारी आई थी और आगामी 2 से 3 दिनों में हल निकलने की भी खबर थी। शासन के कार्यवाही के आदेश के बाद भी राज्य के 4 लाख कर्मचारी अपने मांगों के लिए बिना डरे डटे हुए है। 

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