DA आंदोलन - छ.ग. सहायक विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी संघ भी हड़ताल में शामिल DA Movement - Chhattisgarh Assistant Development Block Education Officer Association also involved in strike

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले DA - HRA आंदोलन में कई संगठन लगातार हो रहे शामिल , लंबित डीए आंदोलन में 105 से भी अधिक संगठन हुआ शामिल Many organizations are continuously involved in the DA-HRA movement under the banner of Staff Officers Federation, more than 105 organizations are involved in the pending DA movement.

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में लंबित महंगाई भत्ता के मुद्दे पर जारी आंदोलन लगातार बढ़ता ही जा रहा है। 22 अगस्त से शुरू हुआ अनिश्चितकालीन आंदोलन अब विकराल रूप लेने लगा है। कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संघ के बैनर तले जारी आंदोलन में लगातार कई संगठन शामिल होकर हड़ताल को अपना खुला समर्थन दे रहे है। वही 25 अगस्त 2022 को छत्तीसगढ़ सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी संघ भी DA - HRA के मांग पर अनिश्चितकालीन आंदोलन में शामिल हो गया है। ज्ञात हो कि प्रदेश के 5 लाख शासकीय कर्मचारी अधिकारी केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान पर गृहभाड़ा की गणना के मांग को लेकर 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन पर है। 

छ.ग. सहायक विकास खंड शिक्षा अधिकारी विज्ञप्ति - 

आज मशाल रैली निकालकर अपने मांगों को किए बुलंद - कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के बैनर तले चौथे दिवस के आंदोलन में सभी विकासखंड मुख्यालय , जिला मुख्यालय और राजधानी रायपुर में आंदोलन रत कर्मचारियों एवं अधिकारीयों के द्वारा मशाल रैली निकालकर अपने मांगों को बुलंद किया गया। आज कर्मचारी न्याय महारैली मशाल के साथ निकाली गई जिसमे कर्मचारियों एवं अधिकारीयों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी थी। प्रदेश के 5 लाख कर्मचारियों की प्रमुख दो सूत्रीय मांग है - पहला लंबित डीए और दूसरा सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा की गणना। 

न्यायिक अधिकारी , तहसीलदार , जनपद सीईओ , नायब तहसीलदार सभी हड़ताल पर - यह पहला मौका होगा जब एक साथ प्रदेशभर के और सभी विभाग के कर्मचारी अधिकारी एक साथ आंदोलन पर हो। आंदोलन के इतिहास में पहली बार न्यायिक अधिकारी , तहसीलदार , नायब तहसीलदार , जनपद सीईओ, जिला शिक्षा अधिकारी , खंड शिक्षा अधिकारी , ट्रेजरी अधिकारी , मंत्रालयीन कर्मचारी अधिकारी , शिक्षा विभाग से सहायक शिक्षक , शिक्षक , व्याख्याता, प्राचार्य , राजस्व विभाग से पटवारी , आर आई एवं अन्य विभाग से ग्राम सेवक , स्वास्थ्य  विभाग के कर्मचारी  , पंचायत विभाग के कर्मचारी से लेकर चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी सभी एक साथ आंदोलन पर है। 

लंबित डीए और एचआरए की मांग - प्रदेश के पांच लाख से भी अधिक कर्मचारी अधिकारी लंबित महंगाई भत्ता और सातवें वेतनमान के अनुरूप एचआरए की गणना की मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन पर है। चरणबद्ध आंदोलन के चौथे चरण में 22 अगस्त से निश्चित कालीन आंदोलन जारी है। प्रदेश के कर्मचारियों को पिछले तीन- चार साल से सही समय पर पूरा डीए और एरियस नहीं मिलने के कारण न्यूनतम 80 हजार से 5 लाख रूपये तक की आर्थिक हानि हुई है। लम्बे समय से सम्पूर्ण डीए की मांग के बाद भी राज्य सरकार कर्मचारियों के जायज मांगों को अनसुना कर रही है। 

प्रदेश के शासकीय कार्यालय बंद, स्कूल कालेजों में भी पढ़ाई ठप - 22 अगस्त से अनिश्चितकालीन आंदोलन में जाने के कारण प्रदेश के समस्त शासकीय कार्यालयों , दफ्तरों में ताला लटका है वही स्कूल एवं कालेजों में भी पढ़ाई पूरी तरफ से चौपट हो गई है। तहसील कार्यालय , जनपद कार्यालय , जिला स्तरीय न्यायालय कार्यालय सहित छोटे बड़े सभी कार्यालयों में ताले लटके हुए है। दफ्तरों को खोलने के लिए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी भी नहीं है। इस तरह से पूरा शासकीय कामकाज ठप पड़ा हुआ है।

राज्य सरकार ने सिर्फ 6 फ़ीसदी बढ़ाया डीए -  राज्य सरकार ने आंदोलन को देखते हुए आंदोलन से ठीक पहले 6 फ़ीसदी डीए बढ़ाया है हालाँकि अभी भी केंद्र से 10 फ़ीसदी कम है , यही कारण है कि राज्य के कर्मचारी केंद्र के  बराबर महंगाई भत्ता देने के मांग पर अड़े हुए है। वही राज्य के कर्मचारियों को छठवें वेतन मान के आधार पर गृह भाड़ा दिया जा रहा है जो सरासर अन्याय है। राज्य के कर्मचारी सातवें वेतनमान के आधार पर गृह भाड़ा देने की मांग कर रहे है। यह मांग भी जायज है क्योंकि राज्य के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर  सैलरी दी  जा रही है लेकिन गृहभाड़ा को छठवें  वेतनमान के आधार पर दिया जा रहा है जो उचित नहीं है।

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