प्रदेश में DA हेतु घमासान जारी ,, 6 फ़ीसदी से खुश नहीं कर्मचारी ,, 22 से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू, कर्मचारियों को हो रहे नुकसान की गणना देखें ,, The fight for DA continues in the state, employees not happy with 6 percent, indefinite strike starts from 22

प्रदेश में महंगाई भत्ता का मुद्दा गरमाया , 6 फ़ीसदी बढ़ोतरी से खुश नहीं राज्य के कर्मचारी , 12 फ़ीसदी DA और सातवें वेतन अनुसार एचआरए की मांग जारी The issue of dearness allowance heats up in the state, employees of the state are not happy with the increase of 6 percent, demand for 12 percent DA and HRA according to the seventh pay continues

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश के कर्मचारियों के महंगाई भत्ता में अगस्त 2022 से 6 फ़ीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस तरह से महंगाई भत्ता 22 फ़ीसदी से बढ़कर 28 फ़ीसदी हो गई है। वही राज्य के कर्मचारी काफी समय से लंबित सभी 12 फ़ीसदी डीए की मांग कर रहे है। 12 फ़ीसदी डीए के बजाय सिर्फ 6 फीसदी की बढ़ोतरी से राज्य के चार लाख से भी अधिक कर्मचारी अधिकारी नाराज है। वही कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की प्रस्तावित 22 अगस्त से अनिश्चित कालीन आंदोलन अभी तक स्थगित नहीं हुई है। सिर्फ 6 फ़ीसदी डीए में बढ़ोतरी के आदेश होते ही कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन संघ और भड़क गया है। 

28 फीसदी डीए के साथ देखें वेतन गणना चार्ट ,,, 

छत्तीसगढ़ शासन वित्त विभाग मंत्रालय से जारी आदेशानुसार सातवें वेतनमान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों का महंगाई भत्ता अगस्त 2022 से 6 फ़ीसदी के वृद्धि के साथ 28 फ़ीसदी एवं छठवें वेतन मान प्राप्त कर रहे कर्मचारियों के महंगाई भत्ता 15 फ़ीसदी की वृद्धि के साथ 189 फीसदी हो गई है। 

देखें आदेश - 

प्रदेश में महंगाई भत्ता के मुद्दे पर घमासान जारी - प्रदेश के कर्मचारी लम्बे समय से चरण बद्ध आंदोलन के माध्यम से लंबित डीए की मांग करते आ रहे है। वही पिछले माह 5 दिनों की निश्चितकालीन हड़ताल की गई थी। उक्त आंदोलन से पुरे प्रदेश के शासकीय कार्यालयों  तालाबंदी हो गई थी। वही 22 से अनिश्चितकालीन आंदोलन से पहले मुख्य मंत्री की फेडरेशन  हुई। हालाँकि बात नहीं बनी। राज्य सरकार ने 6 फ़ीसदी डीए बढ़ोतरी आदेश जारी कर दिया , लेकिन प्रदेश के चार लाख से भी अधिक कर्मचारी - अधिकारी लंबित सभी डीए और सातवें वेतनमान के आधार पर एचआरए की मांग पर अड़े हुए है। 

कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के अनुसार पूर्ण DA और सातवें वेतनमान पर एचआरए नहीं मिलने पर कर्मचारियों को होने वाले नुकसान की गणना - 

राज्य शासन के द्वारा प्रदेश के 407862 कर्मचारी-अधिकारियों को केंद्र के समान देय तिथि से महँगाई भत्ता (डी ए) का क़िस्त स्वीकृत नहीं करने के कारण चरणबद्ध प्रतिमाह वेतन में कटौती हुआ है। 

            -: पहला चरण :-

 केंद्र शासन ने 1 जनवरी 2019 के 12 % महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि कर 1 जुलाई 2019 से 17 % घोषित किया था। लेकिन राज्य शासन ने 1 जुलाई 2021 से महँगाई भत्ता में 5 % वृध्दि किया। जिसके कारण 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2021 तक अथार्त 2 वर्ष प्रदेश के कर्मचारी अधिकारियों को कुल वेतन भाग में  5 % कटौती किया है। 

             दूसरा चरण:- 

केन्द्र सरकार ने 1 जनवरी 20 का 4 %,1 जुलाई 20 का 3 % तथा 1 जनवरी 21 का 3 % कुल 11 % डी ए में वृद्धि अथार्त 17% से 28 % को 1 जुलाई 21 से प्रभावशील किया था। लेकिन राज्य शासन द्वारा डी ए में 5 % का वृध्दि 1 मई 22 से करने के कारण 1 जुलाई 21 से 30 अप्रैल 22 तक कुल 10 माह में 17 % कटौती वेतन भाग में किया है। 

            तीसरा चरण:-

            केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 % डी.ए. लेकिन राज्य के कर्मचारियों को 22 % डी.ए. मिल रहा है जोकि 1 मई 22 से प्रभावशील है। जिसके कारण राज्य के प्रत्येक कर्मचारी-अधिकारी के मासिक वेतन में 12 % कटौती 1मई 22 से आज पर्यन्त प्रतिमाह हो रहा है। यह सरासर अन्याय है 

 डी.ए. में हुए निरंतर कटौतियों के कारण मूल वेतन - 

₹20000 को ₹ 65200 ; 

₹30000 को ₹ 97800;

₹40000 को ₹ 130400; 

₹50000 को ₹ 163000;

 ₹60000 को ₹ 195600 ; 

₹70000 को ₹ 228200;

₹80000 को ₹ 260800; 

₹90000 को ₹ 293400 ; 

₹100000 को ₹ 326000 ; 

₹110000 को ₹ 358600

 एवं

 ₹120000 को ₹ 391200

का आर्थिक नुकसान 1जुलाई 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक तथा 1 मई 2022 के स्थिति में हुआ है। उपरोक्त वेतन के आसपास वेतन पाने वाले कर्मचारी-अधिकारी अपना लगभग आर्थिक नुकसान का आंकलन कर सकते हैं।

                एच आर ए का गणित ?

                           मुद्दा (2) :-

              "सातवे वेतन में गृहभाड़ा भत्ता"

राज्य में  पुराना प्रचलित दर 10 % एवं 7 % है जोकि शहर वर्गीकरण अनुसार सातवे वेतनमान में फिलहाल 18 % एवं 9 % है। 

     राज्य के कर्मचारियों को सातवे वेतन में गृहभाड़ा भत्ता (एच आर ए) 1 जनवरी 2016 से नहीं दिया गया है। उनको आज पर्यन्त छटवे मूलवेतन पर पुराने दर में दिया जा रहा है। यह सरासर अन्याय है।

उदाहरण:-

7 वाँ मूलवेतन ₹25000

एच आर ए

(A) मिलना था

@ 18 % ₹ 4500

@   9 % ₹ 2250

(B) माँग रहे हैं

@10 % ₹ 2500

@ 7 %  ₹ 1750

(C) मिल रहा है

 7 वाँ वेतन= ₹ 25000 का 

6 वाँ वेतन =₹ 9728 पर

@ 10 %   ₹ 973

@   7 %   ₹ 681

कर्मचारियों को नुकसान

अंतर की राशि (प्रतिमाह)

(B)-(C)

@ 10 %

₹ 2500 - ₹ 973 = ₹1527 (प्रतिमाह)

@ 7 %

₹ 1750 - ₹ 681= ₹1069  (प्रतिमाह)

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