आंदोलन को तोड़ने की साजिश बर्दास्त नहीं ,, जायज माँगों के लिए हड़ताल करना कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार - जाकेश साहू Conspiracy to break the movement is not tolerated, it is the constitutional right of employees to strike for legitimate demands

आंदोलन को तोड़ने की साजिश बर्दास्त नहीं ,, जायज माँगों के लिए हड़ताल करना कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार , आंदोलनकारियों से बात कर , मांगे पूरी करें प्रदेश सरकार - जाकेश साहू Conspiracy to break the movement is not tolerated, it is the constitutional right of employees to strike for legitimate demands 

a2zkhabri.com रायपुर - वेतन विसंगति की एक सूत्रीय मांग को लेकर आज प्रदेशभर के हजारों सहायक शिक्षकों ने विधानसभा घेराव हेतु राजधानी रायपुर कूच किया जिसे विभिन्न जिलों एवं ब्लाकों में यंहा - वँहा बैरिकेट्स बनाकर पुलिस द्वारा रोका गया।

यहां तक कि राज्य के विभिन्न शिक्षक नेताओ को उनके घरों एवं रास्तो से पुलिस उठाकर ले गई। इस प्रकार सरकार द्वारा आंदोलन को कुचलने एवं हड़ताल को तोड़ने का पुलिस प्रशासन की मदद से असफल प्रयास किया गया।

आंदोलन को तोड़ने एवं शिक्षक नेताओ की गिरफ्तारी पर प्रदेश के धाकड़ एवं तेजतर्रार कर्मचारी नेता तथा "शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़" के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि राज्य सरकार द्वारा इस प्रकार से शिक्षकों के आंदोलन को तोड़ना उचित नहीं है।

जाकेश साहू ने कहा कि हड़ताल को तोड़ने के बजाय सरकार को चाहिए कि वह नवम्बर - दिसम्बर 2018 विधानसभा चुनाव के दौरान सहायक शिक्षकों से किए गए घोषणा पत्र के वादे पूरे करें एवं राज्य के 1,09,000 सहायक शिक्षकों की वेतन विसंगति दूर करें।

पुलिस की तमाम कोशिश के बावजूद राजधानी पहुंचे शिक्षक - सरकार की मंशा थी की सहायक शिक्षकों को जिला और ब्लाक में ही रोक दिया जाए ताकि राजधानी रायपुर में बड़ी भीड़ इकठ्ठा न हो सके। लेकिन पुलिस प्रशासन के तमाम कोशिशों के बावजूद कई हजार सहायक शिक्षक राजधानी रायपुर पहुँच गए। वेतन विसंगति की मार झेल रहे सहायक शिक्षक  घेराव को सफल बनाने में कोई कसर नहीं छोड़े। कई जिलों और ब्लाकों में शिक्षकों को रोकने के कारण सम्बंधित शिक्षक वही धरना प्रदर्शन में बैठ गए। 

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