कर्मचारियों के लिए बड़ी खबर , जुलाई से 6 फीसदी बढ़ेगी महंगाई भत्ता 7th Pay Commission Update Central Government Employees DA Hiked By 6 From 1 July 2022
a2zkhabri.com /7th Pay Commission - केंद्रीय कर्मचारियों को एक बार फिर मोदी सरकार महंगाई भत्ता की बड़ी सौगात देने वाली है। एआईसीपीआई के आंकड़े के अनुसार इस बार जुलाई 2022 से महंगाई भत्ता में सीधे 6 फीसदी की बढ़ोतरी होगी। पिछले कुछ महीनों से AICPI के आंकड़ों में बड़ी बढ़ोतरी हो रही है। ज्ञात हो कि AICPI के आंकड़ों के आधार पर ही कर्मचारियों के महंगाई भत्ता निर्धारित होती है। पिछले 3 - 4 माह से लगातार आंकड़े बढ़ रही है जिससे सूचकांक 127.7 पर आ गया है। वही मई में भी आंकड़ों में बढ़ोतरी होगी तो 6 फीसदी डीए बढ़ना तय है।
40 फीसदी हो जाएगी महंगाई भत्ता - केंद्रीय कर्मचारियों को फिलहाल 34 फीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। 6 फ़ीसदी बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता 40 फीसदी पर पहुँच जाएगी। एक साथ कर्मचारियों के डीए में 6 फीसदी की बढ़ोतरी होगी तो निश्चित ही कर्मचारियों को इससे अच्छी लाभ होगी , जो बढ़ती महंगाई में राहत पहुंचाएगी। AICPI के मार्च और अप्रैल 2022 के आंकड़ों में बढ़ोतरी से 5 फीसदी डीए बढ़ना तो तय ही है , लेकिन जिस प्रकार से AICPI के सूचकांक बढ़ी है उससे डीए 6 फ़ीसदी बढ़ने की सम्भावना बढ़ गई है।
कितनी बढ़ेगी सैलरी ,, देखें कैलकुलेशन - जुलाई 2022 से डीए में 6 फीसदी के बढ़ोतरी के बाद महंगाई भत्ता केंद्रीय कर्मचारियों की 34 से बढ़कर 40 फ़ीसदी हो जाएगी , 40 फीसदी होने पर देखें न्यूनतम एवं अधिकतम वेतन में बढ़ोतरी -
अधिकतम बेसिक सैलरी - 56900 रु.
34 फ़ीसदी डीए - 19346 रु.
40 फ़ीसदी डीए - 22760 रु.
अंतर - 3414 रु.
सालाना सैलरी में इजाफा - 40968 रु.
न्यूनतम बेसिक सैलरी - 18000 रु.
34 फ़ीसदी डीए - 6120 रु.
40 फ़ीसदी डीए - 7200 रु.
अंतर - 1080 रु.
सालाना सैलरी में इजाफा - 12960 रु.
छत्तीसगढ़ में 22 फीसदी डीए भुगतान , डीए हेतु तरस रहे राज्य के कर्मचारी - छत्तीसगढ़ प्रदेश की बात करें तो यहाँ के कर्मचारियों को सबसे कम 22 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। जबकि अन्य राज्यों और केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 34 फ़ीसदी महंगाई भत्ता दिया जा रहा है। वही राज्य के कर्मचारी लंबित महंगाई भत्ता के आलावा एरियस से भी वंचित हो गए है। राज्य में केंद्र के बराबर महंगाई भत्ता की लगातार मांग की जा रही है। वही कई संगठन द्वारा चरणबद्ध आंदोलन भी चलाया जा रहा है। कर्मचारियों में फुट का फायदा राज्य सरकार बखूबी उठा रही है। कर्मचारी आपस में ही लड़कर एक दूसरे के आंदोलन को कमजोर कर रहे है जिससे राज्य सरकार पर कोई दबाव नहीं बना पाते। राज्य के कर्मचारी कुछ वर्षों से पूरी महंगाई भत्ता हेतु तरस गए है।
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