और बढ़ने वाली है महंगाई , रोजमर्रा के चीजों पर भी 3% टैक्स Another Dose Of Inflation , 3% GST On Exempted
a2zkhabri.com नई दिल्ली - देश की गरीब , मजदूर और मध्यम वर्गीय परिवार को महंगाई की एक और डोज मिलने वाली है। रोजमर्रा के उपयोग होने वाले चीजों और छूट वाले आइटम्स पर केंद्र सरकार 3 फीसदी जीएसटी लगाने जा रही है। बढ़ती इस महंगाई के दौर में ऐसे भी आम गरीब नागरिकों का जीना दूभर हो गया है , वही अब तीन फीसदी जीएसटी की बोझ आम आदमियों को और पड़ने वाली है।
जीएसटी काउन्सिल की मई में होने वाली अहम मीटिंग में 5 फीसदी के टैक्स स्लैब को हटाने के प्रस्ताव पर फैसला हो सकता है। राज्यों की आमदानी बढ़ाने के लिए जीएसटी काउन्सिल यह फैसला ले सकती है। वही बड़े पैमाने में उपयोग होने वाले रोजमर्रा के चीजों पर 3 फीसदी जीएसटी टैक्स लगाने का फार्मूला तैयार कर ली है , सम्भवतः इसी बैठक में इस पर मुहर लग जाए। वही 5 फीसदी टैक्स स्लैब के दायरे में आने वाले अन्य प्रोडक्ट को 8 फीसदी के टेक्स स्लैब में शामिल किया जा सकता है।
5 फीसदी के जगह 8 फीसदी का नया स्लैब - मौजूदा समय में जीएसटी में चार टैक्स स्लैब है। इनमे 5 , 12 , 18 और 28 फीसदी के टैक्स स्लैब शामिल है। वर्तमान में सोना और अन्य आभूषणों पर 3 फीसदी की जीएसटी लगती है। इसके अलावा एक एग्जेम्ट लिस्ट भी है। इनमे बिना ब्रांड वाले कपडे और अनपैक्ड फ़ूड आइटम्स आते है। इनपर फिलहाल कोई टैक्स नहीं है।
रिपोर्ट के अनुसार 5 फीसदी के टैक्स स्लैब को बढाकर 7 , 8 या 9 फीसदी किया जा सकता है। जीएसटी काउन्सिल को इस बाबत अंतिम फैसला लेना है। अभी 5 फीसदी में शामिल अधिकतर आइटम्स को 8 फीसदी के नए स्लैब में शामिल किया जाएगा। इसके अलावा अन्य ऑप्शंस पर भी विचार चल रही है। ये फैसला ऐसे समय में लिया जा सकता है जब अधिकतर राज्य रेवेन्यू बढ़ाने के लिए इस फैसले के पक्ष में नहीं दिख रहे। अधिकतर राज्य क्षतिपूर्ति राशि हेतु केंद्र पर निर्भर नहीं रहना चाहता।
जरुरी सामानों के बढ़ेंगे दाम - आगामी जीएसटी काउन्सिल की बैठक में दैनिक रोजमर्रा के चीजों में 3 फीसदी की टैक्स जुड़ते ही इनके भाव भी बढ़ जाएंगे। वही छूट वाले आइटम्स को भी टैक्स के दायरे में लाया जा रहा है। कुल मिलाकर मध्यम वर्गीय , गरीब एवं मजदूरी करने वाले लोगों के ऊपर महंगाई का एक और बोझ पड़ने वाली है। वैसे भी अभी लगातार पेट्रोल , डीजल , गैस के दाम बढ़ रहे है जिससे महंगाई आसमान छू रही है। ऊपर से अब रोजमर्रा के चीजों में तीन फीसदी की टैक्स का बोझ ढोना होगा।
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