CG बड़ी खबर - 11 स्कूली बच्चे कोरोना संक्रमित , स्कूल बंद करने निर्देश CG Corona Breaking 11 Students Positive

स्कूलों में कोरोना का कहर , 11 स्कूली बच्चे निकले कोरोना पॉजिटिव, सभी स्कूल बंद करने निर्देश जारी CG Corona Breaking 11 Students Positive 

a2zkhabri.com कोरबा - कोरबा जिले के अंतर्गत स्कूलों में एक बार फिर कोरोना ने कहर बरपाया है। तीसरी लहर के आशंका के बीच 11 स्कूली बच्चे फिर कोरोना पॉजिटिव पाए गए है। जिन 11 बच्चों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है उनमे से 06 बच्चे नियमित स्कूल जा रहे थे।  वही 05 बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आते ही सतरेंगा और तुंगमाडा में संचालित सभी 06 स्कूलों को 15 दिन के लिए बंद करने आदेश जारी कर दी गई है। 

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कोरबा जिले के अंतर्गत खुद अस्पताल जाकर कोरोना जाँच करवाने के साथ - साथ जिला प्रशासन द्वारा रेंडम जाँच भी किया जा रहा है। औसतन प्रतिदिन 300 के करीब सेम्पल लिए जा रहे है। अब तक हर रोज 2 - 5 लोग संक्रमित पाए जा रहे थे। वही पिछले दो दिनों में जिले के अंतर्गत संक्रमितों की संख्या में अचानक बढ़ोतरी हो गई है। जिले के अंतर्गत अचानक संख्या बढ़ने से तीसरी लहर की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। 

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प्रशासन ने सतरेंगा में पिछले दिनों कैम्प लगाकर सर्दी , जुकाम के लक्षण वाले बच्चों का भी सेम्पल लिया। रिपोर्ट आने पर प्राथमिक शाला सतरेंगा के 05 और तुंगमाडा के 01 छात्रा संक्रमित पाया गया। इमली डुग्गु की 01, मिशन रोड के 03 और एमपी नगर का एक बच्चा कोरोना संक्रमित पाया गया। सभी बच्चों का उम्र 04 से 10 साल के बीच का है। कोरोना पॉजिटिव पाए गए सभी बच्चे भले ही सतरेंगा और तुंगमाडा के है लेकिन वहां संचालित सभी 06 स्कूलों को बंद कर दी गई है। 

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तीसरी लहर की आशंका - चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार सितम्बर के अंत तक तीसरी लहर की सम्भावना बताई जा रही है। कई रिपोर्टों से यह स्पष्ट हुआ है कि तीसरी लहर बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक हो सकती है। तीसरी लहर बीच स्कूलों में बच्चों का एक साथ झुण्ड में बैठकर पढ़ना खतरे को निमंत्रण देने जैसा है। यह सबको भली भांति पता है कि कोरोना गाइडलाइन का शतप्रतिशत पालन करवाना बच्चों से संभव नहीं है। अतः बच्चो के स्वास्थ्य को ध्यान रखते हुए उचित निर्णय लेने की आवश्यकता है। 

स्कूल बंद करने की उठ रही मांग - प्रदेश में भले ही 02 अगस्त  खुल गए हो लेकिन अभी भी बहुत से पालक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से कतरा रहे है। हालाँकि सर्कार ने 50 फीसदी छात्रों  स्कूल खोलने की अनुमति दी है। इसके बावजूद अभी भी बहुत से पालक अपने बच्चों को स्कूल नहीं भेज रहे। कई पालक और संगठन बच्चो के जब तक वेक्सिनेशन नहीं हो जाता तब तक स्कूल बंद करने की मांग कर रहे है। 

ब्रेकिंग - सहायक शिक्षकों को 90 दिवस के भीतर एरियस राशि देने हाईकोर्ट ने जारी किया आदेश। 

ऑनलाइन पढाई ही सही विकल्प - कोरोना महामारी के दौर में बच्चों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए ऑनलाइन पढ़ाई ही सही विकल्प है। शासन प्रशासन का यह प्रयास हो कि सभी बच्चों के पास ऑनलाइन पढ़ाई के साधन हो। साथ ही जब तक बच्चों के वेक्सिनेशन नहीं  और तीसरी लहर  समाप्त नहीं हो जाता तब तक बच्चों को किसी भी सार्वजानिक स्थलों में पढाई कराने या नहीं कराने पर गहन विचार करना चाहिए। 

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