सहायक शिक्षकों का वेतन विसंगति सहित कई मांग अब भी अधूरा , सरकार लगातार आश्वासन के बाद कर रहा नजरअंदाज Many Issues Pending Including Neglect Of Assistant Teachers Pay Discrepancy In Chhattisgarh
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में सहायक शिक्षकों का प्रमुख मांग वेतन विसंगति का मुद्दा लगातार आगे बढ़ रहा है। सरकार द्वारा लगातार आश्वासन मिलने के बाद भी उनका मांग पूरा नहीं हो रहा है। ज्ञात हो कीं पिछले कई माह से शिक्षा मंत्री सहित कई वरिष्ठ नेताओं ने सहायक शिक्षकों के मांग को बहुत जल्द पूरा करने का भरोषा दिलाया है, लेकिन उनके मांग के सन्दर्भ में अभी तक कोई ठोस पहल या आदेश जारी नहीं हुई है। सरकार द्वारा 109000 सहायक शिक्षकों के वाजिब मांग का लगातार नजर अंदाज करना जारी है।
इसे भी देखें - केंद्र के बाद कई राज्यों ने कर्मचारियों को दी सौगात , 28 फीसदी डीए का हुआ ऐलान।
सहायक शिक्षकों के प्रमुख मांग - प्रदेश के 109000 सहायक शिक्षकों की प्रमुख मांग वैसे तो वेतन विसंगति को दूर करवाना है। लेकिन वेतन विसंगति के अतिरिक्त और कई महत्वपूर्ण मांग है जिसे आप नीचे क्रमशः देख सकते है -
1. वेतन विसंगति - सहायक शिक्षकों के वेतन में सन 2013 से विसंगति जारी है। 2013 में पुनरीक्षित वेतनमान के गणना के समय ही विसंगति शुरू हो गई थी। लेकिन उस समय के शिक्षक नेताओं ने सहायक शिक्षकों के मांग को नजर अंदाज कर अपने मांगों को दमदार तरीके और प्रमुखता से रखे। यदि उसी समय ध्यान दिए होते तो ये विसंगति की इतनी बड़ी खाई न होती। वेतन विसंगति के चलते सहायक शिक्षकों को 10 हजार रु.तक प्रतिमाह आर्थिक नुक्सान उठाना पड़ रहा है।
इसे भी देखें - 58000 पदों में भर्ती हेतु विज्ञापन जारी।
2. पदोन्नति की मांग - प्रदेश में सहायक शिक्षक एक ही पद पर 20 - 22 सालों से पदस्थ है। सभी शैक्षणिक अर्हता होने के बावजूद उन्हें प्रमोशन नहीं दिया जा रहा। संविलियन के पूर्व सात साल में पदोन्नति का नियम था और यह नियम सिर्फ कागजों तक सिमित रहा। संविलियन के बाद पदोन्नति हेतु 05 वर्ष का बंधन बना दिए। जब संविलियन के पुर्व 20 सालों में पदोन्नति नहीं हुई तो संविलियन के बाद 05 साल में पदोन्नति होने की उम्मीद बहुत कम है। अतः सहायक शिक्षकों का मांग है की संविलियन पूर्व की सेवा अवधि को गणना कर तत्काल पदोन्नति दी जाए।
3. समयमान / क्रमोन्नति की मांग - पंचायत संवर्ग के शिक्षकों हेतु सात साल की सेवा अवधि के बाद समयमान वेतनमान देने का प्रावधान था। आठ वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने पर पुनरीक्षित वेतन मान दिया गया। यही पर सहायक शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ समयमान वेतनमान के आधार पर नए वेतनमान फिक्सेशन (पुनरीक्षित वेतन ) करने के बजाय सिर्फ 4000 मूलवेतन में वेतन फिक्स कर दिया गया। सहायक शिक्षक समयमान वेतनमान के आधार पर पुनः फिर से वेतनमान निर्धारण करने की मांग कर रहे है। वही 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले शिक्षकों को क्रमोन्नत वेतनमान देने की मांग की जा रही है।
5. शिक्षक पंचायत के परिजन को अनुकम्पा नियुक्ति की मांग - ज्ञात हो कि प्रदेश में 2012 के हड़ताल के दौरान 38 पंचायत शिक्षकों की मौत हुई थी। उसके बाद भी अलग - अलग कारणों से कई पंचायत शिक्षकों की मौत हुई है। राज्य सरकार द्वारा डीएड एवं टीईटी की अनिवार्यता के कारण उनका अभी भी अनुकम्पा नियुक्ति लंबित है। अतः राज्य सरकार को सहायक शिक्षक अपने संघ के माध्यम से नियमों में शिथिलता प्रदान करते हुए परिजनों को उनके योग्यता अनुसार उन्हें सरकारी नौकरी प्रदान करने की मांग करती है।
0 Comments