शिक्षकों की अब वेक्सीनेशन में लगी ड्यूटी , घर - घर जाकर करेंगे जागरूक CG Teachers Vaccinations Duty 2021
a2zkhabri.com राजनांदगाव - नए शैक्षणिक सत्र की शुरुआत 16 जून से शुरू हो चुकी है ,नया सत्र शुरू होते ही एक बार फिर शिक्षकों की कोरोना से सम्बंधित कार्यों हेतु ड्यूटी आदेश जारी हो गए है। पिछले डेढ़ साल से लगभग सभी शिक्षक ऑनलाइन, पारा , मोहल्ला क्लास के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने के साथ - साथ कोरोना से सम्बंधित जोखिम भरे कार्य कर रहे है। और अब एक बार फिर राजनांदगाव में शिक्षकों को घर - घर जाकर वेक्सीनेशन हेतु जागरूक करने का काम दिया गया है।
विभाग द्वारा जारी कोरोना ड्यूटी आदेश देखें -
विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी आदेशानुसार कोरोना महामारी से बचाव हेतु सभी का टीकाकरण करना अनिवार्य है। परन्तु कांतिमय कारणों से इसमें गति नहीं आ रही है। अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि सभी स्तर के शालाओं में केवल संस्था प्रमुख ही शालाओं का संचालन करेंगे। शेष शिक्षक पदस्थ शाला अंतर्गत गांव / शहर/ वार्ड में प्रत्येक घर जाकर जनमानस को टीकाकरण हेतु प्रोत्साहित करेंगे। 18 + एवं 45 + के टीकाकरण की जानकारी निर्धारित प्रारूप में भरकर प्रतिदिन जानकारी संकुल समन्वयक के माध्यम से देना सुनिश्चित करेंगे।
500 शिक्षकों की गई जान - ड्यूटी के दौरान कोरोना वायरस से संक्रमित होकर प्रदेश में लगभग 500 से अधिक शिक्षक एवं शिक्षिकाओं ने जान गवाई है। शासन द्वारा विभाग वार ड्यूटी के दौरान मरने वाले कर्मचारियों की जानकारी एकत्रित की तब , सबसे ज्यादा शिक्षा विभाग के कर्मचारीयों की मृत्यु होने की जानकारी सामने आई। बड़ी संख्या में शिक्षकों की मौत के बाद भी शासन प्रशासन ने शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को न तो बीमा लाभ दिया और न ही कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया।
👉विकास खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा जारीआदेश यहाँ देखें -
बच्चो को ऑनलाइन पढ़ाना छोड़ घर - घर घूमेंगे शिक्षक - नया सत्र प्रारम्भ होते ही स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों को ऑनलाइन अथवा ऑफलाइन पारा मोहल्ला क्लास लगाने निर्देशित किये है। शिक्षकों के द्वारा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन क्लास लेना शुरू भी कर चुके है , लेकिन एक बार फिर विकासखंड राजनांदगाव , जिला राजनांदगाव के अंतर्गत शिक्षक बच्चों को पढ़ाना छोड़कर वेक्सीनेशन हेतु प्रेरित करने के लिए घर - घर घूमेंगे और जागरूक करेंगे। जागरूक करने के कार्य को शिक्षकों के बजाय स्थानीय जनप्रतिनिधि को देने चाहिए। क्योंकि वे गांव ,समाज में 24 घंटे रहते है।
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