a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कोरोना काल के समय से चले आ रहे स्टायपेंड सैलरी सिस्टम को समाप्त करने की घोषणा कर दिए है। राजीव गाँधी युवा मितान क्लब के राज्य स्तरीय कार्यक्रम में माननीय राहुल गाँधी के मौजूदगी में नए नौकरी में लागू स्टायपेंड सिस्टम को हटाने का ऐलान कर दिए है। ज्ञात हो कि प्रदेश में पिछले तीन सालों से स्टायपेंड सैलरी पद्धति लागु थी , जिस कारण से सरकारी नौकरी में गए कर्मचारी अधिकारी को पहले वर्ष 70 फ़ीसदी , दूसरे वर्ष 80 फ़ीसदी और तीसरे वर्ष 90 फ़ीसदी वेतन और चौथे वर्ष से फूल सैलरी दिए जाने का प्रावधान था।
केबिनेट बैठक में लगी मुहर ,, स्टायपेंड समाप्त - देर शाम मुख्यमंत्री निवास पर राज्य मंत्री मंडल की बैठक हुई जिसमे राज्य में स्टायपेंड समाप्त करने के प्रस्ताव पर अनुमोदन भी हो गई है। साथ ही अब इस सन्दर्भ में विभाग द्वारा विधिवत आदेश बहुत जल्द जारी हो जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार पिछले तीन सालों में 40 से 50 हजार कर्मचारी अधिकारी की भर्ती हुई है जिन्हे स्टायपेंड सैलरी दी जा रही है।
सभी कर्मचारी अधिकारी को लाभ ,, लेकिन नहीं मिलेगी एरियस - प्राप्त जानकारी अनुसार स्टायपेंड सैलरी समाप्त होते ही 70 , 80 और 90 फ़ीसदी सैलरी प्राप्त कर रहे कर्मचारी , अधिकारी को इसका लाभ मिलेगा लेकिन एरियस मिलने की कोई संभावना नहीं है। उच्च अधिकारियों से मिली जानकारी अनुसार एरियस का लाभ नहीं दिया जाएगा। इस तरह से आगामी भर्ती और स्टायपेंड सैलरी पा रहे कर्मचारी , अधिकारी को फूल सैलरी का लाभ दिया जाएगा।
0 Comments