a2zkhabri.com रायपुर - राज्य सरकार ने स्कूल शिक्षा विभाग में 2000 से अधिक शिक्षकों के पदोन्नति के बाद पदस्थापना संशोधन आदेश को रद्द कर दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री रविंद्र चौबे द्वारा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सौंपी गई जाँच रिपोर्ट और अनुशंसा के बाद मुख्यमंत्री ने संशोधन सूचि को रद्द करने का आदेश दे दिए है। जून - जुलाई में जारी हुए पदस्थापना संशोधन आदेश में यह सबसे बड़ी कार्यवाही है। इसके पहले प्रारंभिक जाँच के आधार पर चार संभागायुक्त समेत 10 अधिकारियों को निलंबित की गई है।
देखें प्रमोशन संशोधित निरस्त सूचि 👇-
संशोधन आदेश में हुआ था भ्रष्टाचार - पदोन्नति को लेकर आ रही शिकायत की जब प्राम्भिक जाँच हुई तो पदस्थापना संशोधन के बदले 1 से 2 लाख रूपये लिए जाने की जानकारी सामने आई। शिक्षा विभाग के अधिकारीयों के द्वारा ही जाँच उपरांत इस लेनदेन की पुष्टि हुई है। ज्ञात हो कि प्रदेश में जून - जुलाई में सहायक शिक्षक से शिक्षक और प्रधान पाठक के पदों में पदोन्नति हुई थी। पदोन्नति के बाद संशोधन के नाम पर विभागीय सक्षम अधिकारीयों के द्वारा जमकर वसूली की गई थी।
राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में दायर किया केविएट - राज्य सरकार द्वारा संशोधन आदेश को रद्द करने से पहले केविएट दायर कर दी गई है , ताकि शासन के आदेश के विरुद्ध यदि शिक्षक कोर्ट जाते है तो हाईकोर्ट द्वारा सरकार के पक्ष को पहले सुना जाएगा। जिन - जिन शिक्षकों की पदोन्नति संशोधन आदेश रद्द की गई है उनकी सूचि जारी हो गई है।
शिक्षा मंत्री श्री रविंद्र चौबे ने चर्चा के दौरान बताया कि मुख्यमंत्री के समन्वय के बाद विभागीय स्तर पर जाँच कराई गई.जाँच में गङबङी पाईगई है। जेडी को संशोधन आदेश जारी करने का पावर ही नहीं है। उन पर कार्यवाही हो चुकी है। साथ ही पदस्थापना संशोधन आदेश को भी रद्द कर दी गई है। विभाग द्वारा आज आदेश भी जारी हो गया है।
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