एनपीएस या ओपीएस के विकल्प पर कर्मचारी दुविधा में ,, कन्फ्यूजन ख़त्म करने कार्यशाला आयोजन हेतु निर्देश जारी Employees in dilemma on the option of NPS or OPS, instructions issued for workshop to end confusion

एनपीएस , ओपीएस के संबंध में कार्यशाला आयोजित करने निर्देश जारी , समस्त आहरण संवितरण अधिकारी को निर्देश जारी Employees in dilemma on the option of NPS or OPS, instructions issued for workshop to end confusion

a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारी - कर्मचारियों के सामने पुरानी पेंशन योजना अथवा नवीन पेंशन योजना को लेकर दुविधा की स्थिति निर्मित है। ज्यादातर अधिकारी - कर्मचारी यह तय नहीं कर पा रहे है कि ओपीएस का विकल्प चुने या फिर एनपीएस में ही यथावत बने रहें। इस सम्बन्ध में राज्य शासन द्वारा जारी दिशा निर्देश के कुछ बिंदुओं पर भी अधिकारी कर्मचारी को आपत्ति है। सम्बंधित वित्त निर्देश का व्याख्या ठीक से नहीं कर पाने के कारण पुरानी पेंशन या नवीन पेंशन योजना के विकल्प चयन करने में कर्मचारी दिग्भ्रमित हो रहे है। हालाँकि अब कार्यशाला हेतु समस्त आहरण संवितरण अधिकारी को निर्देश जारी हो गई है। 

कौन सी पेंशन योजना चाहिए , देना होगा शपथ पत्र - वित्त विभाग द्वारा जारी वित्त निर्देश की ठीक से व्याख्या नहीं कर पाने के कारण पुरानी पेंशन या नवीन पेंशन योजना के विकल्प चयन करने में अधिकारी कर्मचारी दिग्भ्रमित है। शासन के निर्देश के मुताबिक़ कर्मचारियों को विकल्प दिया जाएगा कि वे नवीन या पुरानी पेंशन में से किसका लाभ लेना चाहते है ,,,? इसके लिए उन्हें शपथ पत्र देना होगा। इस शपथ पत्र को लेकर कर्मचारियों को आपत्ति है , क्योंकि एक बार विकल्प देने के बाद कर्मचारी इसमें बदलाव नहीं कर सकेंगे। 

एनपीएस खाते में जमा अंशदान की राशि फंसी - केंद्र सरकार द्वारा नवीन अंशदायी पेंशन योजना के खाते में जमा राशि को लौटाने से मना कर दिया है। इसलिए पुरानी पेंशन लेने वाले कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति अथवा मृत्यु के प्रकरण में , उनके एनपीएस खाते में शासकीय अंशदान और उस पर आहरण दिनांक को अर्जित लाभांश की राशि शासकीय कोष में जमा करनी पड़ेगी। इस राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान के लिए के लिए पृथक से रखी जाएगी। केंद्र के इंकार के बाद राशि फंस जाने से कर्मचारियों को तगड़ा झटका लगा है। वहीँ राज्य सरकार के द्वारा तमाम उपाय करने के बाद भी केंद्र राशि देने से इंकार कर दिया है। 

एनपीएस ओपीएस पर कन्फ्यूजन होगा ख़त्म ,, कार्यशाला हेतु आदेश जारी

- कई कर्मचारी संगठनों के द्वारा लगातार कार्यशाला आयोजित कराये जाने के मांग के बाद आखिरकार समस्त आहरण संवितरण अधिकारी को इस सम्बन्ध में प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद एनपीएस और ओपीएस से सम्बंधित सभी कन्फ्यूजन को दूर करने कर्मचारियों को कार्यशाला के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। कार्यशाला आयोजित करने के सम्ब्नध में राज्य कोषालय कार्यालय से आदेश भी जारी हो गई है। 

कार्यशाला हेतु आदेश - 

राज्य के कर्मचारियों को बजट में मिलेगी सौगात ,, 👇👇

प्रदेश के कर्मचारियों को सातवें वेतनमान के आधार पर जल्द मिलेगा गृहभाड़ा भत्ता , तैयारी शुरू State employees will soon get house rent allowance on the basis of seventh pay scale, preparation started

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को बहुत जल्द सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिया जाएगा। आगामी बजट में इसकी घोषणा हेतु तैयारी शुरू हो गई है। ज्ञात हो कि प्रदेश के कर्मचारियों को अभी छठवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है। प्रदेश के 4 लाख 8 हजार कर्मचारी पिछले कई वर्षों से सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता भुगतान की मांग कर रहे है। HRA और DA की मांग पर पिछले वर्ष बहुत बड़ा आंदोलन हुआ था। इस वर्ष चुनावी वर्ष है और राज्य सरकार कर्मचारियों को निराश नहीं करेगी। मिली जानकारी के अनुसार सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा की गणना की मांग इस बजट में पूरा हो जाएगा। 

शहरों में 18 व गांव में 09 फ़ीसदी एचआरए - सातवें वेतनमान के रूल्स के मुताबिक गृहभाड़ा का भुगतान शहरों हेतु 18 फ़ीसदी और ग्रामीण क्षेत्रों हेतु 09 फ़ीसदी निर्धारित है। यह नियम 01 जनवरी 2016 से लागू भी है , लेकिन राज्य के कर्मचारियों को अब तक इसका लाभ नहीं मिला है। राज्य के कर्मचारियों को फिलहाल छठवे वेतनमान पर 07 फ़ीसदी गृहभाड़ा भत्ता दिया जा रहा है। राज्य सरकार कर्मचारियों को चुनावी वर्ष में सौगात देते हुए आगामी बजट में  सातवें वेतनमान के आधार गृहभाड़ा भत्ता देने की तैयारी में है। 

प्रदेश के 4 लाख 8 हजार सरकारी कर्मचारियों एवं अधिकारियों को लाभ - राज्य सरकार द्वारा सातवें वेतनमान के आधार पर गृहभाड़ा भत्ता  देने का ऐलान करते ही प्रदेश के लगभग 4 लाख 8 हजार कर्मचारी - अधिकारी को इसका लाभ होगा। मिली जानकारी  प्रदेश के अलग - अलग विभागों में फिलहाल 4 लाख 8 हजार कर्मचारी अधिकारी कार्यरत है। अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों व केंद्रीय कर्मचारियों को 18 फ़ीसदी के दर से गृहभाड़ा भत्ता का भुगतान किया जा रहा है। यदि किसी कर्मचारी का 50 हजार मूलवेतन है तो उन्हें 10 फ़ीसदी के हिसाब से 5 हजार एचआरए मिलेगा वहीँ 18 फ़ीसदी पर 50 हजार मूलवेतन पाने वाले कर्मचारियों को 9 हजार एचआरए प्राप्त होगा। 

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