पुरानी पेंशन हेतु 10 वर्ष की शासकीय सेवा अनिवार्य , देखें आदेश 10 years government service is mandatory for old pension, see order

कार्यालय संभागीय संयुक्त संचालक कोष , लेखा एवं पेंशन दुर्ग का आदेश जारी ,, पुरानी पेंशन हेतु 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य , 10 वर्ष की कम सेवा वाले कर्मचारियों की मांगी जानकारी Office of Divisional Joint Director Fund, Accounts and Pension Fort issued order, 10 years of service mandatory for old pension, information sought for employees with less than 10 years of service

a2zkhabri.com न्यूज़ - प्रदेश में पुरानी पेंशन की बहाली होते ही बहुत से कर्मचारियों में ख़ुशी का माहौल है तो कई कर्मचारियों में कुछ निराशा भी है। निराश होने का प्रमुख कारण शिक्षाकर्मी से शासकीय शिक्षक बने कुछ ऐसे कर्मचारी है जिनकी सेवा 10 वर्ष भी नहीं बची है। वे जुलाई 2028 से पहले ही रिटायर हो जायेंगे। शिक्षा कर्मियों का संविलियन स्कूल शिक्षा विभाग में जुलाई 2018 में किया गया है , और संविलियन तिथि से ही सेवा गणना किया जा रहा है। पहले की सेवा अवधि को शून्य कर दी गई है। यही कारण है कि प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू होने के बाद भी 10 वर्ष की सेवा नहीं होने पर ओपीएस की पात्रता नहीं होगी। 

ओपीएस हेतु ,, 10 वर्ष की शासकीय सेवा अनिवार्य - संभागीय कार्यालय दुर्ग द्वारा जारी आदेशानुसार ओपीएस हेतु 10 वर्ष की शासकीय सेवा होना अनिवार्य बताया गया है। वहीँ ऐसे शिक्षकों की भी जानकारी मांगी गई है जिनका संविलियन 2018 में हुआ हो और रिटायरमेंट तक 10 वर्ष की सेवा अवधि नहीं हो रही। अतः पेंशन नियम 1976 के अनुसार ओपीएस हेतु 10 वर्ष की सेवा अनिवार्य है। 

देखें आदेश - 

अब 63 की उम्र में रिटायर होंगे कर्मचारी 👇👇- 

मध्य प्रदेश में अब सरकारी कर्मचारियों का रिटायरमेंट 63 साल होगा , सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री को फाइल भेजा Now employees will retire in 63 years, GAD sent proposal to state government

a2zkhabri.com न्यूज़ -  मध्य प्रदेश में आखिरकार सरकारी कर्मचारियों का रिटायरमेंट 62 की जगह 63 वर्ष में किए जाने का फैसला होने जा रहा है। सामान्य प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को फाइल भेज दी है। पांच साल में दूसरी बार रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाई जा रही है।

मध्य प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों की भर्ती जिस तेजी से होना चाहिए उससे ज्यादा रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या है। मौजूदा परिस्थितियों में सरकारी दफ्तरों में काम को अच्छे से करने के लिए अब सरकार जल्द ही रिटायरमेंट की उम्र 62 से बढ़ाकर 63 साल करने जा रही है। सूत्रों के मुताबिक इसका प्रस्ताव सामान्य प्रशासन विभाग ने तैयार करके मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यालय तक पहुंचा दिया है। अब किसी भी कैबिनेट में यह प्रस्ताव पेश करके उस पर चर्चा हो सकती है।

पिछले चुनाव के पहले भी बढ़ी थी रिटायरमेंट की उम्र - यहां उल्लेखनीय है कि इसके पहले 2018 में भी सरकार ने रिटायरमेंट की उम्र 60 साल से बढ़ाकर 62 साल की थी। विधानसभा चुनाव के पहले सरकार ने यह फैसला किया था। उसके पहले 1998 में भी दिग्विजय सिंह सरकार ने 58 साल की रिटायरमेंट उम्र को 60 साल किया था।

हालांकि इस बार राज्य कर्मचारी कल्याण समिति ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि रिटायरमेंट की उम्र को 65 साल किया जाए लेकिन इस प्रस्ताव को आंशिक रूप से मान्य किया गया। सूत्र बताते हैं कि जीएडी ने 63 साल की रिटायरमेंट का प्रस्ताव बनाकर आगे बढ़ा दिया है।

तीन साल में ढाई लाख कर्मचारी होंगे रिटायर - आगामी तीन वर्ष में ढाई लाख कर्मचारी रिटायर होंगे। एक समय जब सरकारी अधिकारी - कर्मचारी की संख्या साढ़े सात लाख हुआ करती थी, आज यह संख्या करीब सवा चार लाख के आसपास बची है। 

एक मोटे अनुमान के मुताबिक अगले तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की संख्या करीब ढाई लाख होगी और ऐसे में दफ्तरों में करीब दो लाख से भी कम अधिकारी - कर्मचारी बचेंगे। तीन साल में रिटायर होने वाले कर्मचारियों के लिए सेवानिवृत्ति के दौरान दी जाने वाली राशि के रूप में लगभग 70 हजार करोड़ रुपए की जरूरत भी होगी।

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