56 स्कूली बच्चे कोरोना संक्रमित , शिक्षा विभाग में मचा हड़कंप 56 school children corona infected, there was a stir in the education department

छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कोरोना विस्फोट ,, नवोदय विद्यालय के 56 बच्चे निकले कोरोना संक्रमित Corona explosion in Mahasamund district of Chhattisgarh, 56 children of Navodaya Vidyalaya turned out to be corona infected

a2zkhabri.com रायपुर - छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले  नवोदय विद्यालय में कोरोना विस्फोट हुआ है। जवाहर नवोदय विद्यालय में पढ़ने वाले 56 बच्चे एक साथ कोरोना संक्रमित पाए गए है। इतनी बड़ी संख्या में बच्चों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के कारण शिक्षा विभाग सहित पालकों में हड़कंप मचा।  स्वास्थ्य विभाग बच्चों के समुचित उपचार हेतु जुट गया है। बच्चों को डाक्टरों के निगरानी में इलाज किया जा रहा है। 

महासमुंद जिले के छिंदपानी में स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में स्वास्थ्य विभाग की टीम कोरोना जाँच  हेतु पहुंची थी। उक्त नवोदय विद्यालय के 56 बच्चो में कोरोना पॉजिटिव पाई गई। स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन के देखरेख में सभी बच्चों का इलाज इलाज जारी है। सीएमएचओ महासमुंद डॉ. एस आर बंजारे ने मामले की पुष्टि की है। वही बच्चों की स्कूल में ही अच्छे से इलाज जारी है। फिलहाल प्रिंसिपल ने स्कूल को बंद कर दिया है। 

प्रदेश में लगातार बढ़ रहा कोरोना संक्रमण - प्रदेश में कोरोना का रफ़्तार दिन प्रतिदिन एक बार फिर बढ़ता ही जा रहा है। कई विशेषज्ञ इसे कोरोना की चौथी लहर बता रहे है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण की संख्या लगातार बढ़ने के बाद भी लोग सतर्कता नहीं बरत रहे। लोग मास्क और फिजिकल डिस्टेंसिंग को पूरी तरह से भूल गए है। स्वास्थ्य विभाग , जिला प्रशासन और राज्य शासन द्वारा बार - बार समझाइस के बावजूद लोग कोरोना गाइडलाइन का पालन नहीं कर रहे। कोरोना की रफ़्तार यदि इसी तरह बढती रही तो फिर लाकडाउन की नौबत आ सकती है। 

बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा - विशेषज्ञों की माने तो बच्चों में संक्रमण का ज्यादा खतरा बना रहता है , क्योंकि बच्चे सैकड़ों और हजारों की संख्या में स्कूल में एक साथ रहते है। पुरे स्कूल में 6 - 7 घंटे बिताने के कारण बच्चों में फिजिकल डिस्टेंसिंग नहीं रह पाती। किसी एक बच्चे के संक्रमण होने से पुरे स्कूलों के बच्चों में संक्रमण का खतरा बना रहता है।  फिर बच्चो से लेकर बड़ों को कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का समय आ गया है। 

कोरोना के पहले से तीसरे लहर तक 18 माह बंद थी स्कूल - कोरोना संक्रमण का व्यापक रूप से फैलाव 2020 में हुई थी। कोरोना के केस मिलते ही प्रदेश सहित पुरे देश में स्कूलों और कालेजों में तालाबंदी हो गई थी। 13 मार्च 2020 में बंद हुई स्कूल को 02 अगस्त 2021 से पुनः खोला गया था। इस तरह से देखा जाए तो प्रदेश में लगभग 18 माह तक स्कूलों में तालाबंदी की गई थी। कोरोना संक्रमण के चलते करीब 700 शिक्षकों की जान ड्यूटी के दौरान गई थी। वही बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह चौपट हो गई थी। हालाँकि ऑनलाइन सहित अन्य माध्यमों से बच्चों के पढ़ाई का नुक़साई की भरपाई लगातार की जा रही थी। जिसमे काफी हद तक सफलता भी मिली थी। 

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