प्रधान पाठकों ने दिया सामूहिक इस्तीफा , देखें इस्तीफा देने वाले शिक्षकों की सूचि Head Teachers Gave Mass Resignation , See The List Of Teachers Who Resigned

शिक्षा विभाग में बवाल ,, प्रधानपाठकों ने सौंपे सामूहिक इस्तीफा Head Teachers Gave Mass Resignation , See The List Of Teachers Who Resigned

a2zkhabri.com मुंगेली - शिक्षा सचिव के द्वारा प्रदेश के शिक्षकों को निकम्मा कहने के बाद मचा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा रहा है। ताजा मामला मुंगेली जिले के पथरिया विकास खंड का है जहाँ सैकड़ों प्रभारी प्रधान पाठकों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सभी शिक्षकों ने अपने इस्तीफा आवेदन में उच्च अधिकारियों के ऊपर कई गंभीर आरोप लगाए है। 16 जून से स्कूल शिक्षा विभाग का नया शिक्षा सत्र 2022 - 23 प्रारम्भ हो चूका है। नया सत्र के साथ ही विभाग में कई विवाद सामने आ रहे है। पिछले कुछ दिनों से शिक्षा विभाग के कई मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।

अधिकारियों से भारी नाराजगी - विगत 15 वर्षों से पदोन्नति नहीं होने , शिक्षकों को निकम्मा कहने , सफाई कर्मियों के हड़ताल अवधि में सफाई को लेकर प्रधान पाठक को सस्पेंड करने समेत व्यवस्थाओं से नाराज मुंगेली जिले के पथरिया विकास खंड के बड़ी संख्या में प्रभारी प्रधान पाठकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। उनका कहना है कि शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य करने दे अनावश्यक कार्यों का बोझ न डाला जाए। बड़ी संख्या में प्रभारी प्रधान पाठक पदोन्नति की राह देख रहे है। 

स्कूल खुलते ही शिक्षा गुणवत्ता सुधार समेत अन्य कार्यक्रमों को लेकर काम शुरू हो गया है। मुंगेली जिले के पथरिया विकास खंड प्रभारी प्रधान पाठक जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी किए जा रहे दिशा निर्देशों से आहत है। उनका कहना है कि हर कार्य के लिए प्रधान पाठकों पर ही सम्पूर्ण जिम्मेदारी डाली जा रही है , भय का माहौल बना दिया गया है।  इससे नाराज पथरिया के कई प्रभारी प्रधान पाठकों ने जिला शिक्षा अधिकारी को सामूहिक इस्तीफा सौंप दिया है। उनका कहना है कि शिक्षकों को शिक्षकीय कार्य करने दे , अनावश्य दबाव से शिक्षक पुरे मनोयोग से कार्य नहीं कर पा रहे है। 

देखें शिक्षकों की इस्तीफा सूचि 👇- 





दबाव से नहीं सुधरेगी व्यवस्था - सर्व शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विवेक दुबे ने कहा कि लगातार गैरजिम्मेदाराना बयान , अनावश्यक प्रयोग के अलावा , बिना दोष कार्यवाही से शिक्षकों में नाराजगी है। प्रभारी पद पर पूरी जिम्मेदारी निभाने के बाद भी जिस प्रकार का व्यवहार प्रधान पाठकों से किया जा रहा है , उसी से तंग आकर शिक्षकों ने यह मुहीम शुरू की है। दबाव से व्यवस्था सुधरने वाली नहीं है। 

अनावश्यक दबाव एवं नित नए प्रयोग से गुणवत्ता प्रभावित - यह बात शतप्रतिशत सही है कि स्कूलों में पिछले कई वर्षो से इतने प्रयोग कर रहे है जितने तो प्रयोग प्रयोगशाला में न होता होगा। स्कूल को प्रयोगशाला बनाकर रख दिया गया है। प्रत्येक सप्ताह नए - नए प्रयोग किये जा रहे है। नित नए प्रयोग से शिक्षा गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। इसके बाद भी विभाग के अधिकारी स्कूलों में प्रयोग करना बंद नहीं कर रहे। 

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