शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला की टिप्पणी से राज्य के दो लाख शिक्षक प्रदेश सरकार से नाराज...... शिक्षा सचिव की संविदा नियुक्ति तत्काल खत्म करें सरकार अन्यथा आने वाले समय में इनका विपरीत असर होगा..... - जाकेश साहू The government should immediately end the contractual appointment of the Education Secretary, the teacher community incited by the unrestrained remarks against the teachers - Jakesh Sahu
a2zkhabri.com रायपुर - शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला द्वारा राज्य के शिक्षकों के खिलाफ की गई टिका टिप्पणी से प्रदेश के दो लाख शिक्षक संवर्ग प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। शिक्षा सचिव के बेतुका बयान से न सिर्फ शिक्षक नाराज है बल्कि उनमें सरकार के प्रति काफी आक्रोश पनप रहा है। और वह इसलिए कि शिक्षा सचिव का शिक्षकों के खिलाफ यह कोई पहला बयान नहीं है। इस प्रकार के बयानबाजी वे पहले भी कर चुके है।
शिक्षक एक सरकारी कर्मचारी होता है तथा उनके लिए सिविल सेवा आचरण संहिता लागू होता है इसलिए लोग अपनी मर्यादाओं में रहते है। चूंकि शिक्षा सचिव सीधे तौर पर राज्य सरकार के अंडर रहते है। सचिव के इस प्रकार का बयान वायरल होने के बाद भी माननीय मुख्यमंत्री जी द्वारा इस पर कोई कार्यवाही नहीं करना यह दर्शाता है कि सचिव के इस बयान से राज्य सरकार सहमत है।
राज्य के कर्मचारी नेता तथा शिक्षक एलबी संवर्ग छत्तीसगढ़ के प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि शिक्षा सचिव जैसे जिम्मेदार पद में रहते हुए किसी अफसर द्वारा शिक्षकों के प्रति इस प्रकार की टीका टिप्पणी किसी भी सूरत में उचित नहीं है।
उक्त मामले में राज्य सरकार को तुरन्त संज्ञान लेते हुए शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला की संविदा नियुक्ति समाप्त कर देनी चाहिए लेकिन अब तक इस मुद्दे पर राज्य सरकार की चुप्पी कंही न कंही यह दर्शाता है कि सरकार भी शिक्षा सचिव के बयान से सहमत है।
प्रदेशाध्यक्ष जाकेश साहू ने कहा है कि यदि राज्य सरकार द्वारा आलोक शुक्ला पर कार्यवाही नहीं की गई तो इस मुद्दे को लेकर प्रदेशभर के समस्त शिक्षक संगठनों द्वारा आने वाले दिनों में शिक्षा सचिव का प्रदेश के समस्त 32 जिलों एवं 146 विकासखण्ड मुख्यालयों में पुतला फूंका जाएगा साथ ही शिक्षा सचिव के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की जाएगी।
यह बात उल्लेखनीय है कि शिक्षा सचिव आलोक शुक्ला अपने नौकरी से रिटायर हो चुके है उसके बाद भी उसे राज्य सरकार द्वारा संविदा नियुक्ति पर रखी गई है जो अफसर आए दिन शिक्षकों के खिलाफ टिका टिप्पणी करते है। इनके इस प्रकार के शिक्षक विरोधी बयान से राज्य के दो लाख शिक्षक आक्रोशित है। शिक्षक एक सरकारी कर्मचारी होते है इसलिए सार्वजनिक बयानबाजी से बचते है तथा सिविल सेवा का आचरण करते है लेकिन याद रहे कि राज्य का ऐसा कोई गांव या शहर नहीं जंहा विद्यालय न हो। अर्थात प्रत्येक गांव और शहर में स्कूल है और वँहा कोई न कोई शिक्षक पढ़ाते है।
शिक्षक रोज स्कूल जाते है, रोज पढ़ाते है और गांव के लगभग शतप्रतिशत लोगो से उनका सम्बन्ध रहता है। एक शिक्षक चाणक्य होता है। भारतीय संविधान में प्रत्येक शिक्षक को मतदान करने का अधिकार होता है। साथ ही एक शिक्षक के विचारों से पूरा गांव, पूरा ब्लाक, पूरा जिला, पूरा राज्य व पूरा देश प्रभावित होता है।
शिक्षा सचिव के इस शिक्षक विरोधी टिका टिप्पणी पर सरकार कार्यवाई करें अन्यथा राज्य के दो लाख शिक्षक नाराज है जिनका दूरगामी परिणाम होगा
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