स्कूलों में आरटीई के नियमों का उल्लंघन , केवल एक - एक शिक्षक के भरोसे 4 हजार से अधिक स्कूल Only One Teachers In More Then Four Thousand Schools
a2zkhabri.com रायपुर - शिक्षकों की भर्ती कर स्कूली शिक्षा में गुणवत्ता करने का दावा खोखला साबित हो रहा है। आलम यह है कि पिछले दो साल के भीतर स्कूलों में 8608 शिक्षकों की भर्ती की गई है। इसके बाद भी साढ़े चार हजार से अधिक स्कूल ऐसे है जहाँ आज भी केवल एक ही शिक्षक पदस्थ है। शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के मुताबिक़ प्रायमरी स्कूलों में हर 30 बच्चों पर एक शिक्षक और मिडिल स्कूल में 35 छात्रों पर एक शिक्षक का होना अनिवार्य है। ी तरह से प्रदेश के चार हजार से अधिक स्कूलों में केवल एक ही शिक्षक के पदस्थ होने से बच्चों का भविष्य अंधकारमय हो गया है।
जाँच पड़ताल से पता चला है कि कई एकल शिक्षकीय शालाओं में शिक्षक की नई पदस्थापना तो की जाती है , लेकिन महीना दो महीना बाद संशोधित आदेश जारी कर शिक्षकों को मनचाहे जगह में पोस्टिंग कर दी जाती है। इस तरह से नए भर्ती के अंतर्गत पदस्थापना में भी भारी धांधली चल रही है। वही आगामी 16 जून से नए सत्र की शुरुआत हो रही है। लेकिन नए सत्र में भी शिक्षकों की कमी के कारण बच्चे फिर मायूस होंगे।
दो हजार पद पर कोई दावेदार नहीं - यह जानकर आश्चर्य होगी की स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत जारी भर्ती प्रक्रिया में करीब 2 हजार पदों हेतु कोई दावेदार नहीं होने की जानकारी सामने आ रही है। अनु. जाति और जनजाति संवर्ग में सहायक शिक्षक , शिक्षक और व्याख्याता हेतु करीब योग्य दावेदार नहीं मिलने के कारण 2 हजार पद रिक्त बताया जा रहा है। हालाँकि यह सुनने में भारी अचरज लग रही है। वही अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य वर्ग के अभ्यर्थी चयन के बाद भी ज्वाइनिंग नहीं किये है।
शिक्षक विहीन 510 स्कूलों में पदस्थ किए जायेंगे शिक्षक - इधर राज्य सरकार ने प्रदेश के शिक्षक विहीन 510 स्कूलों में एक - एक शिक्षक नियुक्त करने का आदेश जारी किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि शिक्षक विहीन स्कूलों से शिक्षकों का तबादला करने वाली व्यवस्था शिक्षा विभाग ने ही की थी। आश्चर्य की बात है कि हजारों शिक्षकों की नियुक्ति के बाद भी अभी तक इन स्कूलों में एक भी शिक्षक नहीं भेजे गए।
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