सहायक शिक्षकों का कल विधान सभा घेराव , सहायक शिक्षकों को जिले में ही रोकने की तैयारी , फेडरेशन के पदाधिकारियों से हो सकती है बातचीत Preparing To Stop The Convoy Of Assistant Teachers In The District Itself , One Lakh Assistant Teachers Will Gather In The Capital
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश के एक लाख से भी अधिक सहायक शिक्षक अपने वेतन विसंगति के मुद्दे पर कल राजधानी रायपुर में विधान सभा भवन का घेराव करेंगे। प्रदेश के कोने कोने से करीब एक लाख सहायक शिक्षक राजधानी रायपुर पहुंचेंगे। भारी संख्या में सहायक शिक्षकों के राजधानी रायपुर पहुँचने की खबर से शासन प्रशासन सहित पुलिस विभाग के अधिकारीयों के हाथ पाँव फूल गए है। क्योंकि कल से ही विधानसभा का शीतकालीन सत्र भी प्रारम्भ हो रहा है। पुलिस विभाग के अधिकारीयों के द्वारा मिली जानकारी के अनुसार सहायक शिक्षकों को कल राजधानी रायपुर आने से पहले ही उन्हें जिलों में ही रोकने का प्रयास किया जाएगा।
सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों से हो सकती है चर्चा - प्रदेश में सहायक शिक्षकों के आंदोलन का मुद्दा गरमाया हुआ है। राज्य के एक लाख से भी अधिक सहायक शिक्षक वेतन विसंगति के मुद्दे पर अनिश्चित कालीन आंदोलन पर है। वही 13 दिसम्बर को राजधानी रायपुर में विधान सभा भवन घेराव का भी कार्यक्रम है। बड़ी संख्या में सहायक शिक्षकों के राजधानी रायपुर पहुँचने के खबर से शासन प्रशासन भी सहायक शिक्षक फेडरेशन के पदाधिकारियों से चर्चा कर मामला सुलझाने का प्रयास कर रही है। वही फेडरेशन के प्रान्त अध्यक्ष ने स्पष्ट कर दिया है की हम अधिकारीयों से कई बार चर्चा कर चुके है , अब हम सिर्फ मुख्य्मंत्री से ही चर्चा करेंगे और अपने मांगों पर ही अडिग रहेंगे।
मनीष मिश्रा ने जारी किया सन्देश - आंदोलन के पहले प्रदेश अध्यक्ष मनीष मिश्रा ने प्रदेश के एक लाख से भी अधिक सहायक शिक्षकों को सन्देश जारी करते हुए कहा कि हमारा पूर्व से नियोजित कार्यक्रम जारी रहेगा। सभी सहायक शिक्षक राजधानी रायपुर तय समय में पहुंचें। वही खबर आ रही थी कि रायपुर एसएसपी ने राजधानी रायपुर में कम शिक्षकों को बुलाने और सहायक शिक्षकों के बातों को सरकार तक पहुँचाने का बात किया जा रहा था लेकिन उन सब बातों का खंडन करते हुए मनीष मिश्रा ने सभी सहायक शिक्षकों को राजधानी रायपुर तय समय में पहुँचाने कहा है। बड़ी संख्या में सहायक शिक्षकों के राजधानी रायपुर पहुँचाने के कारण प्रशासन को सक्ते में डाल दिया है।
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