शमशान में लगी शिक्षकों की ड्यूटी, शवों का रखेंगे हिसाब Dyuty Of Teachers Engaged In Cremation

शिक्षकों की लगी अनोखी ड्यूटी , शमशान में रखेंगे शवों हिसाब - किताब , Shikshakon Ki Lagi Shamshan Me Dyuty , Corona Breaking Update 

a2zkhabri.com न्यूज ब्यूरो - कोरोना से भारी संख्या में होने वाली मौतों की तादाद बड़ी तेजी से बढ़ रही है। कई जगहों पर गड़बड़ी और शवों की अदला  -  बदली जैसी शिकायत मिल रही है। इसी बीच सूरत नगर निगम ने अजीब आदेश जारी किया है। अब शिक्षक न जाने कितनो ड्यूटी करते आ रहे है , अब उसमे एक और ड्यूटी जुड़ गई है।  नगर निगम द्वारा जारी आदेश अनुसार अब शिक्षक शमशान घाट में शवों की हिसाब - किताब रखेंगे। 

24 घंटे तैनात रहेंगे शिक्षक , शिफ्ट में लगी ड्यूटी - शिक्षक अलग - अलग शिफ्ट में पुरे 24 घंटे शमशान घाट में उपस्थित रहेंगे , और शवों की आवश्यक जानकारी रजिस्टर में दर्ज करेंगे। दरअसल कोरोना पॉजिटिव की वजह से मरने वालो की की संख्या में भारी वृद्धि हुई है। शवों को उनके परिजनों को नहीं दिया जा रहा है शवों को सीधे शमशान भेजा जा रहा है ,शवों की अदला - बदली या गलत फहमी न हो इस लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है। 

रोजाना 100 से अधिक शवों का हो रहा अंतिम संस्कार - प्रशासन के मुताबिक सूरत में कोरोना से मरने वालों की संख्या महज 10 - 12 है लेकिन हकीकत में यहाँ कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रतिदिन 100 से अधिक शवों का कोरोना प्रोटोकॉल के तहत अंतिम संस्कार किये जा रहे है। शमशान में लम्बी कतार और अफरा तफरी का माहौल देखी जा सकती है। सूरत के उम्र शमशान में महज 4 घंटे में ही 40 शव पहुंचे थे। 

अन्य शहरों में भी भेजे जा रहे शव - कोरोना  वालों की संख्या अधिक होने के कारण शमशान घाट  के अंतिम संस्कार हेतु वोटिंग बढ़ने के कारण आसपास के अन्य शमशान घाट में भी शवों को भेजा जा रहा। प्रशासन ने सूरत के अलावा बारडोली में भी शवों  संस्कार करवा रहे है। 

कन्टेनमेंट जोन, मास्क डिस्ट्रीब्यूशन में भी लगी थी ड्यूटी - नगर ने इससे पहले शिक्षकों की  कन्टेनमेंट जोन के बाहर और मास्क बांटने में भी शिक्षकों की ड्यूटी लगाईं थी। शिक्षक कन्टेनमेंट जोन के बाहर निगरानी का काम करते थे। इसके अलावा धन्वन्तरी रथ के साथ अनाज, भोजन, मास्क वितरण के भी कार्य किये है। 

आदेश का हो रहा विरोध - आये दिन समाचार पत्रों, चैनलों के माध्यम से इस प्रकार की शिक्षकों की ड्यूटी की अजीबो गरीब ड्यूटी का मामला देखने सुनने को मिलते रहता है। शमशान घाट में शवों हिसाब रखने वाले ड्यूटी आदेश जारी होते ही शिक्षक संगठन ने आदेश रद्द करने की मांग शुरू कर दी है। शिक्षक अपने मूल दायित्व शिक्षा देने के अलावा  हमेशा शासन प्रशासन के आधे कार्य  करते आ रहे है। 

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