असर सर्वे - 5 वीं के 48 फ़ीसदी बच्चे कक्षा दो का पाठ नहीं पढ़ पा रहे , ग्रामीण क्षेत्रों में असर के सर्वे रिपोर्ट जारी Asar Survey - 48% children of 5th standard are not able to read class 2 text, Asar survey report released in rural areas

प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में असर के सर्वे रिपोर्ट जारी ,, 5 वीं के 48 फ़ीसदी बच्चे कक्षा दो का पाठ नहीं पढ़ पा रहे Asar Survey - 48% children of 5th standard are not able to read class 2 text, Asar survey report released in rural areas

a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 वीं के लगभग 48 प्रतिशत बच्चे अब भी कक्षा 2 के पाठ नहीं पढ़ पा रहे। केवल 52 प्रतिशत बच्चे ही कक्षा दो स्तर के पाठ पढ़ पा रहे। वहीँ कक्षा तीसरी के 32.8 प्रतिशत बच्चे अक्षर तो पढ़ सकते है लेकिन शब्द या उससे अधिक नहीं पढ़ पा रहे। गणित के मामले में भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कक्षा 6 वीं के 34.8 प्रतिशत बच्चे ही 11 - 99 तक की संख्या पहचान सकते है। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर ) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है। 

5 से 16 वर्ष तक के बच्चों का हुआ सर्वे - असर के सदस्यों के द्वारा 5 - 16 वर्ष तक के बच्चों का सर्वे घर - घर जाकर किया गया। पुरे देश में 19 भाषाओं में जाँच की जाती है। सर्वे स्कूलों में नामांकन , पढ़ना , गणित , अंग्रेजी पढ़ना व समझना पर किया गया है। छत्तीसगढ़ के ग्रामीण इलाकों में भी असर टीम के द्वारा सर्वे किया गया। वर्ष 2022 के रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में पिछले चार साल की तुलना में 6 - 14 वर्ष के बच्चों का नामांकन बढ़ा है। वर्ष 2018 में ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में जहाँ नामांकन का प्रतिशत 76.4 था , जो वर्ष 2022 में बढ़कर 81.6 प्रतिशत हो गया है। 

असर रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी और निजी दोनों मिलाकर 24.2 प्रतिशत कक्षा 3 के बच्चे दूसरी स्तर के पाठ पढ़ सकते है। केवल 52.7 प्रतिशत बच्चे ही कक्षा दो के स्तर के पाठ पढ़ सकते है। कक्षा 3 री के 32.8 प्रतिशत बच्चे अक्षर तो पढ़ पाते है लेकिन शब्द या उससे अधिक नहीं। वहीँ कक्षा 3 के 15.4 फ़ीसदी बच्चे ही कक्षा 1 के स्तर के पाठ पढ़ सकते है परन्तु कक्षा 2 स्तर के पाठ नहीं। गणित की बात की जाए तो कक्षा 6 वीं के 34.8 प्रतिशत बच्चे ही 11 से 99 तक की संख्या पहचान पाते है। 

गणित के स्तर में भी बहुत सुधार नहीं - असर की रिपोर्ट माने तो ग्रामीण इलाकों में गणित में भी बच्चों के स्तर पर भी बहुत सुधार देखने को नहीं मिला है। कक्षा 3 री के बच्चों के द्वारा गणित में घटाव या उससे अधिक करने का प्रतिशत वर्ष 2022 में 16 प्रतिशत है। जो वर्ष 2018 के बराबर है। कक्षा 5 के 22.8 प्रतिशत बच्चे भाग का सवाल हल कर पाते है। जबकि वर्ष 2018 में 26.1 प्रतिशत आंकड़ा थी। 

50 फ़ीसदी बच्चे अंग्रेजी के शब्द पढ़ सकते है - रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 8 वीं के 50 प्रतिशत बच्चे ऐसे है जो अंग्रेजी के शब्द पढ़ सकते है , किन्तु वाक्य नहीं। इसी तरह कक्षा 5 वीं के बच्चों में भी अंग्रेजी पढ़ने के प्रतिशत में वृद्धि हुई है। 6 साल पहले 9.5 फ़ीसदी थी आंकड़ा जो अब 11.3 फीसदी हो गई है। हालाँकि बड़ी संख्या में कक्षा 1 से तीन तक के बच्चे अभी अल्फाबेट को ठीक से पहचान नहीं पाते। 

15 - 16 वर्ष  के 13.6 फ़ीसदी बच्चे स्कूल नहीं जा रहे - असर के रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 15 - 16 साल के 13.6 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। इनमें बालकों का प्रतिशत 16.5 है और बालिकाओं का 11.2 है रिपोर्ट में ऐसे बच्चे सम्मिलित है जिनका कभी नामांकन नहीं हुआ या जो ड्राप आउट है। बताते है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कक्षा 6 - 7 के बाद बच्चे पढ़ना छोड़ देते है। इनमे से ज्यादातर रोजी मजदूरी जैसे कार्यों में लग जाते है। 

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