प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में असर के सर्वे रिपोर्ट जारी ,, 5 वीं के 48 फ़ीसदी बच्चे कक्षा दो का पाठ नहीं पढ़ पा रहे Asar Survey - 48% children of 5th standard are not able to read class 2 text, Asar survey report released in rural areas
a2zkhabri.com रायपुर - प्रदेश में ग्रामीण इलाकों के सरकारी स्कूलों में कक्षा 5 वीं के लगभग 48 प्रतिशत बच्चे अब भी कक्षा 2 के पाठ नहीं पढ़ पा रहे। केवल 52 प्रतिशत बच्चे ही कक्षा दो स्तर के पाठ पढ़ पा रहे। वहीँ कक्षा तीसरी के 32.8 प्रतिशत बच्चे अक्षर तो पढ़ सकते है लेकिन शब्द या उससे अधिक नहीं पढ़ पा रहे। गणित के मामले में भी स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। कक्षा 6 वीं के 34.8 प्रतिशत बच्चे ही 11 - 99 तक की संख्या पहचान सकते है। एनुअल स्टेटस ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर ) ने अपनी रिपोर्ट जारी कर दी है।
असर रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकारी और निजी दोनों मिलाकर 24.2 प्रतिशत कक्षा 3 के बच्चे दूसरी स्तर के पाठ पढ़ सकते है। केवल 52.7 प्रतिशत बच्चे ही कक्षा दो के स्तर के पाठ पढ़ सकते है। कक्षा 3 री के 32.8 प्रतिशत बच्चे अक्षर तो पढ़ पाते है लेकिन शब्द या उससे अधिक नहीं। वहीँ कक्षा 3 के 15.4 फ़ीसदी बच्चे ही कक्षा 1 के स्तर के पाठ पढ़ सकते है परन्तु कक्षा 2 स्तर के पाठ नहीं। गणित की बात की जाए तो कक्षा 6 वीं के 34.8 प्रतिशत बच्चे ही 11 से 99 तक की संख्या पहचान पाते है।
50 फ़ीसदी बच्चे अंग्रेजी के शब्द पढ़ सकते है - रिपोर्ट के अनुसार कक्षा 8 वीं के 50 प्रतिशत बच्चे ऐसे है जो अंग्रेजी के शब्द पढ़ सकते है , किन्तु वाक्य नहीं। इसी तरह कक्षा 5 वीं के बच्चों में भी अंग्रेजी पढ़ने के प्रतिशत में वृद्धि हुई है। 6 साल पहले 9.5 फ़ीसदी थी आंकड़ा जो अब 11.3 फीसदी हो गई है। हालाँकि बड़ी संख्या में कक्षा 1 से तीन तक के बच्चे अभी अल्फाबेट को ठीक से पहचान नहीं पाते।
15 - 16 वर्ष के 13.6 फ़ीसदी बच्चे स्कूल नहीं जा रहे - असर के रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में 15 - 16 साल के 13.6 प्रतिशत बच्चे स्कूल नहीं जा रहे। इनमें बालकों का प्रतिशत 16.5 है और बालिकाओं का 11.2 है रिपोर्ट में ऐसे बच्चे सम्मिलित है जिनका कभी नामांकन नहीं हुआ या जो ड्राप आउट है। बताते है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कक्षा 6 - 7 के बाद बच्चे पढ़ना छोड़ देते है। इनमे से ज्यादातर रोजी मजदूरी जैसे कार्यों में लग जाते है।
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